और मजबूत होगी Indian Navy, INS Vikramaditya मिला, बैटलफील्ड के लिए तैयार होगा ‘विक्रांत’

और मजबूत होगी Indian Navy, INS Vikramaditya मिला, बैटलफील्ड के लिए तैयार होगा ‘विक्रांत’

INS Vikramaditya, INS Vikrant Battle-ready: भारतीय नौसेना को आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत मिलने में थोड़ी देरी हो सकती है. आईएनएस विक्रांत के बारे में बताया जा रहा है कि यह नौसेना को मॉनसून के बाद मिल सकता है.

INS Vikramaditya, INS Vikrant: नौसेना को आईएनएस विक्रमादित्य में पहले ही देरी हो चुकी है और अब आईएनएस विक्रांत मिलने में भी थोड़ी देरी का सामना करना पड़ सकता है. आईएनएस विक्रमादित्य पर इसी महीने लैंडिंग और उड़ान टेस्टिंग शुरू होनी है. इसके बाद यह समुद्री ऑपरेशंस के लिए तैयार होगा. इतना ही नहीं आईएनएस विक्रांत के बारे में भी कहा जा रहा कि उसे मॉनसून के बाद ही बैटलफील्ड के लिए पूरी तरह तैयार किया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नवल कमांडरों की मीटिंग में एयरक्राफ्ट कैरियर्स के बैटल पोश्चर पर चर्चा की गई थी, जहां आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 और तेजस-एम जैसे फाइटर जेट की लैंडिंग को लेकर बातचीत हुई थी. माना जा रहा है कि आने वाले सालों में जीई-टर्बाइन इंजन से लैस नया युद्धपोत फाइटर्स और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर हेलिकॉप्टर्स के साथ इंडो-पैसिफिक को डोमिनेट करने के लिए तैयार है.

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जल्द आधिकारिक रूप से शामिल करने की उम्मीद

रिपोर्ट के मुताबिक, आईएनएस विक्रांत को पूरी तरह से बैटलफील्ड में उतारने के लिए इसका समुद्री परीक्षण किया जा रहा है, और बताया जा रहा है कि आईएनएस विक्रमादित्य नौसेना को 15 मार्च के बाद सौंपा जाएगा. इसपर फाइटर टेस्ट लैंडिंग और टेक-ऑफ जल्द ही शुरू किए जाएंगे. मिग-29 फाइटर जेट की लैंडिंग वाले इस 45000 टन के युद्धपोत को मई 2023 से पहले नौसेना में आधिकारिक रूप से शामिल किया जा सकता है.

फाइटर जेट के अधिग्रहण पर भी सरकार को लेना है फैसला

इन दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर के बैटलफील्ड के लिए तैयार होने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार को आईएनएस विक्रांत के लिए आठ ट्रेनर सहित 26 फाइटर्स के अधिग्रहण पर भी फैसला लेना होगा. भले ही अमेरिका की बोइंग कंपनी ने एफ-18 फाइटर जेट की मैन्युफैक्चरिंग भारत में करने की योजना बनाई है, भारत के पास अन्य ऑप्शन के रूप में राफेल-एम फाइटर जेट हो सकते हैं, जो लगभग राफेल फाइटर जेट की ही तरह काम करते हैं. इस सीरीज के दो जेट की गोवा में टेस्टिंग भी की गई थी और सरकार के आदेशों पर डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स को अंतिम फैसला लेना है.

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