यह स्टेट कर रहा है टेस्ला के स्वागत की तैयारी, एलन मस्क को दिया बड़ा ऑफर

यह स्टेट कर रहा है टेस्ला के स्वागत की तैयारी, एलन मस्क को दिया बड़ा ऑफर

भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर तमाम सवाल खत्म हो गए हैं. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद खुद टेस्ला सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि वो अगले साल तक अपनी फैक्ट्री डाल लेंगे. इसके लिए वो जगह की तलाश कर रहे हैं.

भारत में टेस्ला आएगा और यह बात कंफर्म हो चुकी है. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने खुद इस बात की पुष्टि की है. जिसके बाद के देश के तमाम राज्य अपने-अपने लेवल पर एलन मस्क और टेस्ला के लिए रेड कार्पेट बिछाने को तैयार है. दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक कर्नाटक ने टेस्ला और एलन मस्क को अपने यहां पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट करने लगाने को क​हा है. आने वाले दिनों में प्रदेश के दूसरे राज्य भी टेस्ला के लिए रेड कार्पेट बिछा सकते हैं. आइए पहले यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर कर्नाटक ने एलन मस्क को क्या ऑफर किया है.

मस्क को कर्नाटक से से मिला ऑफर

कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने शुक्रवार को टेस्ला को दक्षिणी राज्य में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया. पाटिल ने कहा कि राज्य इनोवेशन और टेक्नोलॉजी संपन्न केंद्र है. उन्होंने कहा कि सरकार टेस्ला और स्टारलिंक सहित एलन मस्क के दूसरे बिजनेस को सपोर्ट देने और सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार है. मंत्री ने ट्वीट किया कि कर्नाटक राज्य को अगले 2 दशकों तक आगे बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉमी और मैन्युफैक्चरिंग 5.0 का सेंटर बनने पर फोकस कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर टेस्ला अपनी विशाल क्षमता के साथ भारत में अपना प्लांट स्थापित करने के बारे में सोच रहा है तो कर्नाटक उसके के लिए सबसे उपर्युक्त स्थान है.

मस्क ने भारत में निवेश पर क्या कहा

टेस्ला ने इसी सप्ताह कहा था कि वह भारत में बड़ा निवेश करने की योजना बना रही है. टेस्ला प्रमुख ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने के बाद कहा कि वह भारत को किसी अन्य बड़े देश से ज्यादा संभावनाओं से भरा मानते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी योजना अगले वर्ष भारत का दौरा करने की है. मस्क ने मोदी से बैठक के बाद कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि टेस्ला भारत में पहुंचेगी और हम यह जितनी जल्दी हो सकेगा उतनी जल्दी करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम किसी घोषणा पर जल्दबाजी नहीं करना चाहते, लेकिन मुझे लगता है कि इसकी काफी संभावना है कि यह एक महत्वपूर्ण निवेश, भारत के साथ एक संबंध होगा. चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का फायदा उठाने की कोशिश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए वैकल्पिक निवेश गंतव्य के रूप में कार्य कर रहा है.