Maha Shivratri 2023: शिवजी की पूजा में क्यों अर्पित नहीं करते ऐसी 10 चीजें, जानिए क्यों होती है वर्जित

Maha Shivratri 2023: शिवजी की पूजा में क्यों अर्पित नहीं करते ऐसी 10 चीजें, जानिए क्यों होती है वर्जित

हर साल फाल्गुन माह के चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. शिवजी का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक किया जाता है. शास्त्रों में शिवलिंग पर इन चीजों को अर्पित करना वर्जित माना जाता है.

शिवभक्तों के लिए सावन का महीना, प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है. हर साल फाल्गुन माह के चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. वैसे तो हर एक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है, लेकिन फाल्गुन महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था. इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी,शनिवार के दिन मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर उपवास रखते हुए शिवजी का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक किया जाता है.

इसके अलावा शिव जी की प्रिय चीजों को पूजन सामग्री के रूप में शिवलिंग पर अर्पित की जाती है, लेकिन कुछ चीजें ऐसे होती है जिसे तो हम आम दिनों की पूजा में इस्तेमाल करते हैं लेकिन शिवजी को कभी नहीं चढ़ाया जाता है. शास्त्रों में इन चीजों को अर्पित करना वर्जित माना जाता है.

1- तुलसी के पत्ते

तुलसी का पौधा और इसके पत्ते को बहुत ही पूजनीय और पवित्र माना जाता है लेकिन शिवजी की पूजा में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करना वर्जित होता है. दरअसल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी जब वृंदा थीं तब उनके असुर पति जलांधर की वध भगवान शिव ने कर दिया था. इस कारण से भगवान शिव जी की पूजा में कभी तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

2- वर्जित फूल

भगवान शिव भांग, धतूरे और कनेर के फूल तो बहुत ही प्रिय होते हैं लेकिन कुछ फूलों को शिवलिंग पर अर्पित करना वर्जित होता है. जो फूल वर्जित होते हैं वे हैं- केतकी, चंपा, कमल, केवड़ा, गुडहल, मालती, चमेली और जूही.

3- कुमकुम

कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि भगवान शिव वैरागी और योगी हैं ऐसे में शिवजी की पूजा में भूलकर भी कुमकुम या रोली को न चढ़ाएं.

4-नारियल

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य और पूजा में नारियल की जरूर पूजा जाता है. नारियल को श्रीफल भी कहते हैं और यह माता लक्ष्मी का प्रतीक है, माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी है इस कारण से शिव जी पूजा में कभी नारियल अर्पित नहीं किया जाता है.

5-टूटे हुए चावल

चावल के अक्षत भी कहते हैं. हालांकि चावल को भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. लेकिन अगर आप चावल का प्रयोग शिवजी की पूजा में करना चाहते हैं तो कभी भी टूटे हुए चावल को नहीं करना चाहिए.

6-चंदन

भगवान शिव की पूजा में कभी भी चंदन को नहीं अर्पित करते हैं. चंदन सौभाग्य का प्रतीक होता है इस कारण से इसे पूजा में वर्जित माना जाता है.

7- शंख से जलाभिषेक

हिंदू धर्म की पवित्र चीजों में एक शंख भी होता है. शिवजी की पूजा उपासना और शंख से जलाभिषेक नहीं करते हैं. क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के दैत्य का वध किया था. इसके अलावा शिवजी की पूजा में शंख को कभी भी नहीं बजाया जाता है.

8- तिल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से हुई थी. इस कारण से भगवान शिव जी की पूजा में तिल नहीं चढ़ाते हैं.

9- हल्दी

भगवान शिवजी की पूजा में हल्दी का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है. हल्दी का संबंध भी सौभाग्य से जुड़ा हुआ होता है. इसके अलावा हल्दी की तासीर गर्म होते है और शिवजी को हमेशा ठंडी ही चींजे अर्पित की जाती है.

10-सिंदूर

इस तरह से शिवजी की पूजा में सिंदूर चढ़ाना है भी वर्जित होता है.