Naga Sadhu in Mahakumbh: 82 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करते हैं ये नागा साधु, हैरान कर देगी इनकी ‘जल तपस्या’ की कहानी

Naga Sadhu in Mahakumbh: 82 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करते हैं ये नागा साधु, हैरान कर देगी इनकी ‘जल तपस्या’ की कहानी

प्रयागराज महाकुंभ में साधना के विभिन्न रंग बिखरे पड़े हैं. कुंभ क्षेत्र में जितने साधक हैं, उतने ही उनकी साधना के तरीके हैं. नागा संन्यासी प्रमोद गिरी की साधना भी अलग है. नागा प्रमोद गिरी की 'जल तपस्या' अद्भुत है.

प्रयागराज महाकुंभ में हठ योगियों की विभिन्न हठ योग साधना इस समय श्रद्धालुओं के लिए कौतुहल का विषय बनी हुई है. महाकुंभ में सेक्टर-20 में अटल अखाड़ा के बाहर शिविर लगाए बैठे नागा संत प्रमोद गिरी की हठ योग साधना भी निराली है. त्रिवेणी की ठंडी रेत में कड़ाके की ठंड में जब तेज हवा हो, गंगा जी का घाट और ठंडा पानी हो, जहां लोग रजाई-कंबल से निकलने में कतराते हैं, नहाना भी हो तो गीजर का पानी या गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं.

वहीं महाकुंभ में नागा साधु प्रमोद गिरी ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे 82 घड़ों के गंगा जी के ठंडे पानी से प्रतिदिन स्नान करते हैं. इस साधना का नाम ‘जल तपस्या’ है. स्नान के बाद वह कपड़े भी नहीं पहनते. इसके बाद गंगा जी की पूजा, अपने इष्ट देव, अपने गुरु का ध्यान अर्चन-पूजन करते हैं. इसके बाद पूरे शरीर में भभूत लगाकर साधना में लीन हो जाते हैं.

108 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान के बाद पूरा होगा संकल्प

अटल अखाड़े के नागा संन्यासी प्रमोद गिरी बताते हैं कि यह हठयोग की एक साधना है, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत न होकर मानवता और जन कल्याण है. श्री पंच दशनाम अटल अखाड़े से जुड़े प्रमोद गिरी का संकल्प है कि वह 24 तारीख तक 108 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करेंगे. यही उनका संकल्प है. उन्होंने 51 घड़ों से अपना स्नान शुरू किया था. आज वह 81 तक पहुंच गए हैं.

इतना ही नहीं प्रतिदिन अपनी साधना में वह दो घड़ों की बढ़ोतरी करते हैं. स्नान करने के बाद भी नागा साधु प्रमोद गिरी शरीर में केवल भभूत लगाकर धूनी रमा कर अपनी साधना में बैठ जाते हैं. महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नागा साधु प्रमोद गिरी कौतुहल का विषय बने हुए हैं.