भूल जाएंगे नींद की गोली, इन आयुर्वेदिक नुस्खों से मिनटों में आएगी चैन की नींद
रात में घंटों नींद न आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक नींद न आने की दो अहम वजह हैं पहली गलत खानपान और दूसरी शरीर में बनने वाली एनर्जी का सही इस्तेमाल न करना. कहीं आप भी तो चैन की नींद के लिए गोली तो नहीं खाते हैं. इन आयुर्वेदिक नुस्खों को आजमाने से चुटकियों में आने नींद लगेगी.
रात में घंटों नींद न आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक नींद न आने की दो अहम वजह हैं पहली गलत खानपान और दूसरी शरीर में बनने वाली एनर्जी का सही इस्तेमाल न करना. अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाइस्टाइल का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है. आयुर्वेद के अनुसार शरीर में अगर वात और पित्त दोष है तो नींद न आने की दिक्कत हो सकती है. वात दोष के चलते मेंटल स्ट्रेस होता है. साथ ही एंग्जायटी, चिंता या दूसरी समस्याएं भी हमें अपनी चपेट में आसानी से ले लेती हैं.
ऐसा भी होता है कि प्रभावित व्यक्ति रात में अचानक उठ जाता है. इसे स्लीपिंग डिसऑर्डर या इनसोमेनिया पुकारा जाता है. कहीं आप भी तो चैन की नींद के लिए गोली तो नहीं खाते हैं. इन आयुर्वेदिक नुस्खों को आजमाने से चुटकियों में आने नींद लगेगी.
अश्वगंधा का नुस्खा
आयुर्वेद में अश्वगंधा को कई तरीकों से इस्तेमाल करने के नुस्खे बताए गए हैं. अश्वगंधा हमें चुस्ती-फुर्ती प्रदान करता है और इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो दिमाग को शांत करने का काम करते हैं. बेहतर नींद के लिए आप अश्वगंधा और सर्पगंधा का नुस्खा आजमा सकते हैं. मार्केट में मिलने वाले अश्वगंधा और सर्पगंधा के पाउडर को मिलाकर चूर्ण बना लें. रोजाना सोने से पहले 5 ग्राम चूर्ण का गुनगुने पानी के साथ सेवन करें. ये एक तरह की आयुर्वेदिक दवा है जो दिमाग को शांत करने के अलावा कई शारीरिक लाभ भी पहुंचाती है.
तलवों की मसाज
आयुर्वेदिक तरीकों से दिमाग को शांत करने में मसाज भी एक कारगर तरीका माना जाता है. कई जड़ी-बूटियों से अलग-अलग तेल तैयार किए जाते हैं जिनके जरिए मसाज चुटकियों में हमारे दिमाग को शांत करती हैं. बाजार से आपको आयुर्वेदिक तेल मिल जाएगा. रात में सोने से पहले पैरों के तलवों की इस तेल से मालिश करें. इस तरीके से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आएगा और थकान के दूर होने पर चैन की नींद भी आती है.
समय से खाना
आयुर्वेद में बताया गया है कि हमें हर काम को तय समय के अनुसार करना चाहिए. रात का खाना 7 से 7.30 के बीच करने की आदत डालें. आयुर्वेद ही नहीं एलोपैथी में भी कहा गया है कि सोने से करीब 3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए. देर से खाना खाने के कारण दिमाग में एनर्जी बनी रहती है और नींद आने में दिक्कत होती है.
शारीरिक गतिविधियां
बेहतर नींद के लिए शारीरिक गतिविधियां जैसे व्यायाम, मेडिटेशन या फिर योग करने की आदत डालें. ये तरीका हमारे दिमाग के स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाता है और रात में नींद न आने की समस्या भी दूर होती है.