रविवार और एकादशी के दिन क्यों नहीं चढ़ाया जाता है तुलसी के पौधे को जल ?
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है. लेकिन रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं दिया जाता है. आइए जानें क्या है इसका कारण.
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. सनातन धर्म में इस तुलसी के पौधे को देवी की तरह पूजा जाता है. हर एक व्रत-त्योहार के मौके पर जिस तरह के भगवान की पूजा-आराधना की जाती है उसकी तरह से तुलसी के पौधे की भी पूजा करने का विधान होता है. सुबह और शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाया जाता है. हिंदूओं के घरों में हर तुलसी का पौधा अवश्य ही होता है. प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल अर्पित किया जाता है. इस पौधे को देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानकर पूजा-उपासना की जाती है. इसके अलावा वास्तु शास्त्र में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है.
यह पौधा जिन घरों में होता है वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती है. भगवान की पूजा -पाठ में तुलसी के पौधे के पत्तों का भोग लगाया जाता है. तुलसी के पौधे को प्रतिदिन जल देने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता आती है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसे दिन और तिथि होती है जिसमें तुलसी के पौधे को जल देना वर्जित माना जाता है. आइए जानते हैं तुलसी के पौधे को कब-कब पानी देना नहीं चाहिए.
रविवार के दिन तुलसी के पौधे को नहीं दिया जाता जल
तुलसी का पौधा बहुत ही पवित्र और पूजनीय होता है. किसी भी पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान में बिना तुलसी के पत्तों के पूरा नहीं माना जाता है. हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा शुभता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. तुलसी के पौधे को हर रोज जल और पूजा करने का विधान होता है. जो लोग नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा और जल देते हैं उनके ऊपर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद रहता है. लेकिन ऐसी धार्मिक मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए. इसके अलावा इस दिन तुलसी के पौधे को न ही छूना चाहिए और न ही इसके पत्तों को तोड़ना चाहिए. तुलसी भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय होती है और रविवार के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में अगर रविवार के दिन मां तुलसी को जल चढ़ाएंगे तो उनका व्रत खंडित हो जाता है. इसी कारण से रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाया जाता है.
एकादशी तिथि पर नहीं दिया जाता तुलसी को जल
रविवार के दिन अलावा एकादशी तिथि पर भी तुलसी के पौधे को जल नहीं दिया जाता है. दरअसल एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है. इस कारण से मां तुलसी को भी एकादशी तिथि बेहद प्रिय और पूजनीय होती है. पौराणिक कथा के अनुसार देवउठनी एकादशी तिथि पर मां तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ हुआ था. इस कारण तुलसी मां हर एक एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं. यही कारण है कि एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं दिया जाता है. अगर इस दिन तुलसी के पौधे को जल अर्पित करेंगे तो माता का व्रत खंडित हो जाएगा. वहीं एकादशी और ग्रहण के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.