कैसे दूर होगा पेयजल संकट… बिहार में नल से हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने पर चिंतन

कैसे दूर होगा पेयजल संकट… बिहार में नल से हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने पर चिंतन

बिहार पीएचईडी मुख्य सचिव ने कहा कि नल जल योजना राष्ट्रीय संकल्प है. उन्होंने राज्य में बढ़ते जल संकट को लेकर कार्यशाला आयोजित की. इसमें पीएचईडी, मनरेगा और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. भूजल स्तर में गिरावट और वर्षा जल संचयन पर चर्चा हुई.

बिहार में गहराते पेयजल संकट और हर घर नल का जल योजना को जमीन पर प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रन विभाग, मनरेगा और दूसरे संबंधित विभाग के सीनियर अधिकारी और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यशाला की अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रन विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने की.

प्रधान सचिव पंकज कुमार ने पेयजल संकट के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास की बात कही. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अलग-अलग विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आम जन तक पहुंचाना था.

नल से हर घर स्वच्छ जल अभियान

कार्यशाला को संबोधित करते हुए पंकज कुमार ने कहा- देश में पेयजल संकट सबसे बड़ी चुनौती है. नल जल योजना से राज्य के हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा- यह सिर्फ एक योजना नहीं है. बल्कि हर नागरिक को स्वच्छ और सुरक्षित जल उपलब्ध कराने का राष्ट्रीय संकल्प है. पंकज कुमार ने कहा- इसके लिए पीएचईडी, मनरेगा और अन्य विभागों को मिलकर कार्य करना होगा.

भू-जल स्तर में गिरावट को लेकर चर्चा

आगा की ओर से आयोजित कार्यशाला में भू-जल स्तर में लगातार गिरावट को लेकर चर्चा हुई. गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा- देश के कई हिस्सों में भूजल पर ज्यादा निर्भरता की वजह से जलस्तर तेजी से गिरा है. उन्होंने वर्षा जल संचयन, भूजल रिचार्ज, जल संरक्षण उपायों को ग्रामीण योजनाओं से जोड़ना जैसे कुछ समाधान बताए. जबकि मुख्य सचिव पंकज कुमार ने सुझाव दिया कि मनरेगा के तहत तालाब, चेक डैम और जल संरचनाओं के निर्माण की गति बढ़ाई जाए.

पेयजल संकट एक सामूहिक चुनौती

पंकज कुमार ने कार्यशाला के समापन सत्र में सभी हितधारकों से अपील की कि वे जल संरक्षण और प्रबंधन के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं. इसका समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है. कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने इस दिशा में सक्रिय सहयोग का संकल्प लिया.