Middle East के भरोसे अडानी, अबु धाबी के ‘Shark Tank’ पर नजर

Middle East के भरोसे अडानी, अबु धाबी के ‘Shark Tank’ पर नजर

Adani Group के चेयरमैन गौतम अडानी, ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में ग्रुप के सीनियर रिप्रेजेंटेटिव्स पिछले एक हफ्ते से मिडिल ईस्ट में हैं.

Adani Group को क्राइसिस से निकालने के लिए Gautam Adani और उनकी टीम मिडिल ईस्ट के सबसे अमीर शहर अबु धाबी प​हुंच गए हैं. जहां वो इंवेस्टमेंट कंपनियों से बातचीत करने में जुटे हुए हैं ताकि उन्हें फंड मिल सके. वास्तव में गौतम अडानी अबु धाबी के ‘Shark Tank’ को मनाने में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर मिडिल ईस्ट के इन शार्क टैंक की नजर अडानी के पोर्ट और सीमेंट कारोबार पर है. जानकारों की मानें तो अडानी अपने पोर्ट और सीमेंट कारोबार कुछ हिस्सेदारी के बदले मिडिल ईस्ट से फंड रेज करने में कामयाब हो जाएं.

अबु धाबी में अडानी और उनकी टीम

अडानी ग्रुप पिछले हफ्ते से अबू धाबी के इंटरनेशनल होल्डिंग कॉर्प (IHC) के साथ अडानी एंटरप्राइजेज और ग्रुप की दूसरे फर्मों में कैपिटल इंफ्यूजन के लिए बातचीत कर रहा है. इस बातचीत से वाकिफ लोगों ने ईटी को बताया कि ग्रुप के रिप्रेजेंटेटिव्स आगे की चर्चा के लिए सोमवार को अबू धाबी दोबारा आ चुके हैं. निवेश कितना होगा अभी तक फाइनल नहीं हुआ है, सुत्रों की मानें तो यह इंवेस्टमेंट करीब 1 से 1.5 बिलियन डॉलर यानी 8 से 13 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.

मिडिल ईस्ट की अडानी के असेट्स पर नजर

जब तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है तब तक के लिए इन सभी मुलाकातों और बातों को प्राइमरी स्टेज पर माना जा रहा है. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में ग्रुप के सीनियर रिप्रेजेंटेटिव्स पिछले एक हफ्ते से मिडिल ईस्ट में हैं. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) और अबु धाबी के दूसरे सॉवरेन वेल्थ फंड्स (एसडब्ल्यूएफ) के साथ भी बैठकें हो चुकी हैं. कुछ ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सीमेंट बिजनेस और अडानी पोर्ट एंव एसईजेड जैसे स्पेसिफाइड असेट्स में रुचि दिखाई है. पहले भी अडानी ने अपनी एयरपोर्ट होल्डिंग कंपनी में धन जुटाने का प्रयास किया था.

आईएचसी का अडानी की कंपनियों में निवेश

प्रमोटर्स द्वारा लोन कम करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक गिरवी रखे गए शेयरों को पुनः प्राप्त करने का निर्णय लेने के बाद भी, स्टॉक की कीमतों में लगातार गिरावट, विशेष रूप से किसी भी प्रिफेंशियल अलॉटमेंट के लिए एक प्रमुख बाधा बन गई है. वहीं जनवरी के अंत में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद नेगेटिव न्यूज फ्लो की वजह से भी अडानी ब्रांड को काफी नुकसान हुआ है. इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज एफपीओ में 400 मिलियल डॉलर का निवेश करने पर सहमत हो गया था, लेकिन कंपनी ने अपने एफपीओ वापस ले लिया. पिछले साल आईएचसी ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों में 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया था.