भारत के गुलाब से थाइलैंड, मलेशिया, दुबई में मनाया जाता है Valentine Day, निर्यात में जोरदार उछाल

भारत के गुलाब से थाइलैंड, मलेशिया, दुबई में मनाया जाता है Valentine Day, निर्यात में जोरदार उछाल

बेंगलुरु के एक छोटे फूल निर्यातक केआर फ्लोरा के मालिक उमेश ने कहा कि महामारी के बाद इस साल शिपमेंट में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. इस वर्ष हमने गुलाब के 20,000 गुच्छों का निर्यात किया है.

आज वैलेंटाइन डे है. प्रेमी और प्रेमिका प्यार का इजहार करने के लिए आज एक- दूसरे को गुलाब के फूल गिफ्ट करेंगे. ऐसे में आज पूरे विश्व में गुलाब की डिमांट बढ़ गई है. वहीं, वैलेंटाइन डे की वजह से गुलाब की कीमतों में भी काफी इजाफा हो गया है. बात अगर भारत की करें तो यहां पर गुलाब के फूल का बहुत बड़ा बाजार है. यहां के फूल विदेशों तक निर्यात किए जाते हैं. खास कर बेंगलुरु मंडी के फूलों की मांग पूरी दुनिया में रहती है. 

बेंगलुरु के एक छोटे फूल निर्यातक केआर फ्लोरा के मालिक उमेश ने कहा कि महामारी के बाद इस साल शिपमेंट में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. इस वर्ष हमने गुलाब के 20,000 गुच्छों के निर्यात किया, जो कि पिछले साल के अपेक्षा 30% अधिक है.  इस साल, हमारे मुख्य निर्यात बाजार थाईलैंड, दुबई, मलेशिया और सिंगापुर रहे.

एग्री न्यूज के मुताबिक, कई अन्य बेंगलुरु निर्यातकों ने इसी तरह के रुझान की सूचना दी. उनके निर्यात की मात्रा में 15-30% की वृद्धि हुई है. यह किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में महामारी प्रतिबंधों, बढ़ती माल ढुलाई लागत और सही समय पर बारिश नहीं होने से फूल बाजारों को नुकसान पहुंचा था.

विदेशी निर्यात के समानांतर इस साल स्थानीय बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हूवू फ्रेश की सह-संस्थापक रिया करुटुरी ने कहा कि गुलाब के तनों की कीमत बढ़कर 17 रुपये  प्रति तना हो गई है और वैलेंटाइन डे तक 24 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल का उत्पादन अच्छा रहा है, क्योंकि कोई भारी या अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई है और मौसम अच्छा रहा है.

बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अंतरराष्ट्रीय गुलाब का निर्यात 137% बढ़कर 2.17 लाख किलोग्राम से 5.15 लाख किलोग्राम हो गया, जबकि घरेलू निर्यात 205% बढ़कर 1.03 लाख किलोग्राम से 3.15 लाख किलोग्राम हो गया. 

बता दें कि गुलाब की खेती में बहुत ज्यादा फायदा होता है. स्थानीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी इसकी काफी मांग है. यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहला स्थान रखता है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल भारत में सबसे अधिक गुलाब की खेती होती. खास बात यह है कि गुलाब की खेती में लागत भी कम है. ऐसे में किसान इसकी खेती कर कम समय में मालामाल हो सकते हैं.