जेब को ही नहीं देश को भी रौशन करेगा चांदी, सोलर इंडस्ट्री में ऐसे निभाता है अहम किरदार

जेब को ही नहीं देश को भी रौशन करेगा चांदी, सोलर इंडस्ट्री में ऐसे निभाता है अहम किरदार

सिल्वर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में सोलर पैनल के लिए 100 मिलियन ओंस सिल्वर की जरुरत पड़ी थी, जो साल 2021 में बढ़कर 101 मिलियन ओंस पहुंच गई थी.

चांदी ने बीते एक साल में करीब 20 फीसदी की कमाई कराई है. साल 2020 के बाद ऐसा देखने को मिला है कि गोल्ड से अलग किसी मेटल ने आम लोगों की जेब को भरा है. शायद ही आपको इस बात की जानकारी होगी कि चांदी सिर्फ जेब ही नहीं भरती बल्कि देश को रौशन करने में भी काफी मददगार होती है. जी हां, ये बिल्कुल सच है. चांदी बिजली पैदा करने वाले सोलर पैनल के प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाती है. सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि उसे अगले कुछ सालों में सोलर एनर्जी का एक्सपोर्टर बनना है. इसके लिए संबंधित डिपार्टमेंट और कंपनियां लगातार काम कर रही है. आइए अपको भी बताते है कि सोलर पैनल में चांदी का यूज किस तरह से होता है और एक पैनल में चांदी का इस्तेमाल कितना किया जा सकता है.

सोलर पैनल होता चांदी का इस्तेमाल

फोटोवोल्टिक (पीवी) पॉवर ग्रीन एनर्जी का मौजूदा लीडिंग सोर्स है. खास बात ये है कि कोविड जैसे बैरियर आने के बाद भी पीवी मार्केट ने अपने आपको काफी फ्लेक्सीबल कर दिया. मौजूदा समय इसके प्रोडक्शन में काफी इजाफा होने उम्मीद है. फोटोवोल्टिक में चांदी का यूज 13 प्रतिशत बढ़कर 113.7 मिलियंस ओंस हो गया. इसके कई कारण है क्यों पूरी दुनिया सोलर पैनल बनाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं दुनिया में ग्लोबल सोलर पैनल मैन्युफैक्चरर भी बढ़े है. इलेक्ट्रॉनिक और इलेट्रिकल की ओर से डिमांड 2021 में कुल मिलाकर 9 फीसदी बढ़कर 330 मिलियन ओंस पर पहुंची.

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सोलर पैनल में चांदी का यूज कैसे होता है?

अब सवाल ये है कि आखिर सोलर पैनल में चांदी का यूज किया कैसे जाता है? सिल्वर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार सिल्वर पाउडर को एक पेस्ट में बदल दिया जाता है जिसे बाद में सिलिकॉन वेफर पर लोड किया जाता है. जब लाइट सिलिकॉन से टकराती है, तो इलेक्ट्रॉन फ्री हो जाते हैं और सिल्वर जो दुनिया का सबसे अच्छा कंडक्टर है तुरंत इमिजिएट यूज के लिए इलेक्ट्रिसिटी कैरी करता है या इलेक्ट्रिसिटी को कंजंपशन के लिए इसे बैटरी में स्टोर करता है. जानकारों की मानें तो 2 स्क्वायर मी​टर के सोलर पैनल में औसतन 20 ग्राम चांदी का इस्तेमाल होता है.

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सोलर पैनल के लिए लगातार बढ़ रही है चांदी की डिमांड

भारत के साथ पूरी दुनिया सोलर या दूसरे तर​ह की ग्रीन एनर्जी की ओर मूव कर रहे हैं. पॉल्यूशन फ्री एनर्जी में सोलर पैनल का किरदार काफी अहम हो चला है. सिल्वर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में सोलर पैनल के लिए 100 मिलियन ओंस सिल्वर की जरुरत पड़ी थी, जो साल 2021 में बढ़कर 101 मिलियन ओंस पहुंच गई थी. जिसके आने वाले दिनों में और भी बढ़ने की संभावना है.