अलवर में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत, 3 गांव के लोगों ने पी थी; 4 विभाग की टीम जांच में जुटी

अलवर में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत, 3 गांव के लोगों ने पी थी; 4 विभाग की टीम जांच में जुटी

जिला कलेक्टर अर्पित शुक्ला ने कहा कि शुरुआती जांच-पड़ताल में तीन लोगों की मौत का कारण अधिक शराब पीना सामने आया है, जबकि अन्य तीन लोगों का शराब से कोई संबंध नहीं पाया गया है. ऐसे में पुलिस और अन्य संबंधित विभागों की टीम मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

राजस्थान के अलवर जिले में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिला प्रशासन, पुलिस, आबकारी और स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त टीम गांव में पहुंची और तीन गांवों के घरों का सर्वे किया गया. इस दौरान तीन गांव में छह लोगों की मौत का मामला सामने आया. जिला कलेक्टर ने कहा कि तीन लोगों की मौत शराब पीने से हुई है, जबकि तीन की मौत का मामला अभी संदिग्ध है. जांच चल रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जिला कलेक्टर से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है.

अलवर जिला कलेक्टर अर्पित शुक्ला ने बताया कि 26, 27 और 28 अप्रैल को अलवर के सिलीसेढ़ क्षेत्र के पास किशनपुर, पैथपुर व बखतपुर गांव में छह लोगों की मौत का मामला सामने आया. मरने वालों में भारत उम्र 40 साल निवासी किशनपुर, रामकिशोर उम्र 45 साल निवासी किशनपुर, लालाराम उम्र 52 साल निवासी किशनपुर, सुरेश उम्र 45 साल निवासी पैथपुर, ओमी उम्र 75 साल निवासी पैथपुर, रामकुआर उम्र 37 साल निवासी भगतपुर शामिल हैं.

जिला कलेक्टर ने दी जानकारी

जिला कलेक्टर अर्पित शुक्ला ने कहा कि शुरुआती जांच-पड़ताल में तीन लोगों की मौत का कारण अधिक शराब पीना सामने आया है, जबकि अन्य तीन लोगों का शराब से कोई संबंध नहीं पाया गया है. ऐसे में पुलिस और अन्य संबंधित विभागों की टीम मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आबकारी विभाग की तरफ से तीनों गांव के अलावा भी आसपास क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान कच्ची और अवैध शराब बनाने वाले व बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

गांव वालों ने पुलिस-प्रशासन पर लगाए आरोप

वहीं गांव के लोगों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब क्षेत्र में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं. गांव वालों का आरोप है कि अवैध शराब का कारोबार पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. जब तक मौतें नहीं हुईं, तब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. जब मौत की खबर फैली तो आनन-फानन में अधिकारी पीड़ितों के दरवाजे पर पहुंच गए.