कैसे बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं केजरीवाल? इस्तीफा साबित हो सकता है मास्टर स्ट्रोक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमानत पर रिहा होने के बाद सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान कर मास्टर स्ट्रोक दांव खेला है. हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल की घोषणा बीजेपी के लिए नई चुनौती पैदा सकती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को चौंकाने वाली घोषणा की कि वे अगले दो दिनों के भीतर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में उन्हें जमानत दिए जाने के दो दिन बाद की है. जमानत से रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में सभा को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि वह दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में जल्द विधानसभा की भी मांग कर डाली. उन्होंने मांग की कि दिल्ली में नवंबर माह में चुनाव कराए जाएं.
दो राज्यों हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव और दिल्ली, महाराष्ट्र और झारखंड में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस्तीफे का ऐलान कर अरविंद केजरीवाल ने एक तीर से कई निशाने लगाये हैं.
हरियाणा चुनाव में बीजेपी की बढ़ी चुनौती
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव के ऐलान हो चुके हैं. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से उम्मीदवारों के ऐलान किये जा रहे हैं. इन दो राज्यों के चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान कर बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश की है.
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विधानसभा चुनाव के बीच ही केजरीवाल की न केवल जमानत पर रिहाई हुई है, बल्कि उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर मास्टर कार्ड खेला है. हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही थी, हालांकि दोनों पार्टियों के बीच समझौता नहीं हो सका है, लेकिन केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान से समीकरण बदल सकते हैं और चुनाव परिणाम पर इसका प्रभाव पड़ सकता है.
लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने सेट किया था नैरेटिव
इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल कुछ दिनों के लिए जमानत पर जेल से बाहर आए थे. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी पर जमकर हमला बोला था और अलग नैरेटिव सेट किया था. अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियों को इस्तेमाल कर उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं पर गलत आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है. यदि उन्हें फिर से जेल नहीं भेजना चाहते हैं तो उनके पक्ष में वोट करें. हालांकि चुनाव परिणाम उनकी आशा के अनुरूप नहीं रहे थे और दिल्ली में भाजपा की सभी सात सीटों पर जीत मिली थी और आम आदमी पार्टी को पराजय मिली थी. हालांकि आम आदमी पार्टी पंजाब की तीन सीटों पर जीत हासिल कर एक सीट की बढ़त ली थी.
भ्रष्टाचार के आरोप पर केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक
बता दें कि बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाती रही है. बीजेपी केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे नेताओं को जेल में डालकर यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि आम आदमी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं, लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान किया है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे उन्हें अपनी छवि क्लीन करने में मदद मिलेगी. चुनाव प्रचार के दौरान भी केजरीवाल जमकर बीजेपी पर हमला बोल पाएगी. रविवार को मंत्री और आप नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका आभास दे दिया है.
केजरीवाल ने खेला नैतिकता का दांव
आतिशी ने कहा कि केजरीवाल ने बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. अभी तक देश क्या दुनिया के किसी नेता ने इस तरह का फैसला नहीं किया था. कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है और वह अब जनता की अदालत में जाएंगे और जनता द्वारा चुने जाने के बाद ही सीएम के पद पर बैठेंगे. वहीं, केजरीवाल ने कहा था कि वह और मनीष सिसोदिया दोनों ही जनता की अदालत में जाएंगे. जनता यदि उन्हें ईमानदार मानेगी तो फिर से वोट देकर जीताएगी और तभी वे फिर से सीएम बनेंगे.
इस चौंकाने वाली घोषणा से आप को चुनावी लाभ मिल सकता है क्योंकि केजरीवाल ने नैतिक रुख अपनाया है और कहा है कि उन्हें सत्ता की कोई लालसा नहीं है और वे शीर्ष पद पर लौटने से पहले जनता का फैसला चाहते हैं.
पंजाब विधानसभा में लहराया था परचम
केजरीवाल की रिहाई और उसके बाद इस्तीफे को इसलिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि पंजाब विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी परचम लहरा चुकी है. इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली है. राज्य में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला है.
वहीं, राज्य की 13 सीटों में कांग्रेस 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. एक सीट शिरोमणि और दो निर्दलीय चुनाव जीतने में सफल रहे. ऐसे में मौजूदा समय में पंजाब में बीजेपी और कांग्रेस की तुलना में आम आदमी पार्टी बेहतर हालत में है. आम आदमी पार्टी को दिल्ली में जीत के बाद पंजाब की जीत मिली थी और पंजाब में अभी आप मजबूत स्थिति में है.
हरियाणा में आप कार्यकर्ताओं का जोश हाई
हरियाणा में बीजेपी के कई नेता दबी जुबान से ही सही लेकिन आम आदमी पार्टी को पहले से बेहतर मान रहे हैं. अब जब केजरीवाल चुनाव प्रचार के मैदान में उतरेंगे वो सियासी फिजा को पार्टी की ओर मोड़ने में पीछे नहीं हटने वाले हैं. किसानों के साथ-साथ महिला पहलवान के मामले में केजरीवाल बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. केजरीवाल की रिहाई के बाद से ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जोश हाई है. अब केजरीवाल उनमें एक बार फिर से नई जान फूंकने की कोशिश करते हुए नजर आ सकते हैं.
इस्तीफे से दिल्ली में आप की बढ़ेगी साख
दिल्ली की बात करें तो केजरीवाल की रिहाई और अब इस्तीफे के ऐलान से आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिला है. 156 दिनों तक सीएम की अनुपस्थिति के बाद भी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता एकजुट नजर आए हैं. लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सीटों पर आम आदमी पार्टी कोई कमाल नहीं कर सकी, लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थिति कुछ और हो जाती है. बीजेपी आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप जरूर लगा रही है, लेकिन सीएम के इस्तीफे का ऐलान सियासी फिजा का रुख मोड़ सकता है