जब आतंकवादी मुझे देख रहे थे… कैंब्रिज में राहुल गांधी ने सुनाया कश्मीर का वो वाकया

जब आतंकवादी मुझे देख रहे थे… कैंब्रिज में राहुल गांधी ने सुनाया कश्मीर का वो वाकया

लंदनः कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर दौरे का जिक्र किया. इस दौरान राहुल ने बताया कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का प्लान बनाया तो उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा गया. उनसे कहा गया कि यह खराब आइडिया है, […]

लंदनः कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर दौरे का जिक्र किया. इस दौरान राहुल ने बताया कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का प्लान बनाया तो उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा गया. उनसे कहा गया कि यह खराब आइडिया है, यहां के लोग हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल तक करते हैं. उन्होंने कहा कि वह कश्मीर में 3 दिन तक यात्रा करते रहे और इस दौरान उन्होंने कुछ आतंकवादियों को भी देखा जो उन्हें देख रहे थे.

कश्मीर दौरे के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “कश्मीर में एंट्री करने के पहले ही दिए एक खास बात हुई. जब मैं यात्रा कर रहा था तब एक शख्स जो मुझे देख रहा था, उसने मुझे अपने बुलाने का इशारा किया, फिर मैंने उसे कहा कि आ जाओ. इस पर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि ऐसा मत करिए. लोगों को मत बुलाइए. खासतौर पर तब जब आप चल रहे हों तो आप किसी से बात मत करिए क्योंकि यह बहुत बड़ा रिस्क होगा.”

‘मुझे लगा कि मैं परेशानी में आ गया’

उन्होंने आगे कहा, “मैंने उसे बुलाया तो वह मेरे पास आया. उसने मुझसे पूछा- मिस्टर गांधी क्या आप हमारी बात सुनने आए हैं. तो मैंने कहा- हां. फिर उसने पूछा- क्या आप वाकई में हमारी बात सुनेंगे. मैंने कहा- हां. फिर हम लोग साथ चलने लगे. इस बीच उसने दूसरी तरफ इशारा करते हुए कहा- आप उन्हें देख रहे हैं. मैंने पूछे- किसे. फिर उसने कहा- वहां, उस तरफ जो लड़के बैठे हैं वो आतंकवादियों की तरह हैं.” उन्होंने कहा, “आमतौर पर आतंकवादियों की ओर से मुझे मार दिया जाना चाहिए. उस वातावरण में आतंकवादियों की ओर से मुझे मार दिया जाना चाहिए था. मैं उन्हें देख रहा था और वो मुझे देख रहे थे. मुझे ऐसा लगा कि मैं परेशानी में आ गया हूं. हम दोनों एक-दूसरे को देखते हैं. उस शख्स ने कहा कि पहले मुझे देखिए, फिर उनको देखिए. फिर हम आगे बढ़ गए और हमें कुछ नहीं हुआ.”

राहुल गांधी ने आगे कहा, “यह सब क्यों हुआ. वास्तव में वे कुछ नहीं कर सकते हैं, वो किसी चीज का हिस्सा भी नहीं हैं. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि मैंउन्हें सुनने के लिए आया था. मैं किसी तरह की हिंसा के साथ नहीं आया था. वहां बहुत सारे लोग यह सब देख रहे थे. राहुल ने बताया कि कश्मीर जाने के आइडिया को लेकर लोगों ने कहा कि यह खराब आइडिया है. वहां जाना खतरनाक है. लोग हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल करते हैं.

तीन प्रमुख हिस्सों में बंटा था व्याख्यान

राहुल गांधी के व्याख्यान को तीन हिस्सों में बांटा गया था. इसकी शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा के जिक्र से हुई थी. राहुल गांधी ने करीब 4,000 किलोमीटर की पैदल यात्रा दक्षिण भारत से होते हुए सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक की थी और यह यात्रा भारत के 12 राज्यों से होकर गुजरी थी.

उनके भाषण का दूसरा हिस्सा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से विशेष रूप से सोवियत संघ के 1991 के विघटन के बाद से अमेरिका और चीन के दो अलग-अलग दृष्टिकोण पर केंद्रित रहा. भाषण के अंतिम चरण का विषय वैश्विक बातचीत की अनिर्वायता पर आधारित था.