बहन की डोली से पहले उठी भाई की अर्थी…ऐसे कई अंतहीन दर्द दे गया अलीपुर अग्निकांड
मृतक के परिवार के लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं थे. मजदूरों को सेफ्टी जैकेट भी पहनने को नहीं दी जाती थी. जो घर से कपड़े पहनकर आते थे, उन्हीं कपड़ों काम करते थे. फैक्ट्री रेजिडेंशियल इलाके में थी, इसलिए यहां पर रहने पर लोगों का भी बहुत नुकसान हुआ है.
अप्रैल में शुभम के बहन की शादी है, लेकिन घर में शहनाई से पहले शुभम की अर्थी उठेगी. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले शुभम उन 11 श्रमिकों में से एक थे, जिनकी गुरुवार देर शाम उत्तरी दिल्ली के अलीपुर में एक पेंट फैक्ट्री में आग लगने की घटना में जलकर मौत हो गई. पेंट फैक्ट्री में काम करने वाले लोग यूपी के गोंडा, बिहार और कुछ लोग दिल्ली के थे. गोंडा के एक गांव के ही कई लोग काम करते थे.
गोंडा के 19 वर्षीय शुभम भी इसी फैक्ट्री में काम करता था. अलीपुर गांव में ही शुभम संयुक्त परिवार में रहता था. पूरा घर फैक्ट्री के सामने बैठकर रो रहा था और कह रहा था कि एक बार उसको डेड बॉडी तो दिखा दो. शुभम की भाभी, चाची, भाई और बहन सभी बिलख रहे थे.
फैक्ट्री से सुरक्षा के उपकरण नदारद
गोंडा के ही बृज लाल भी इसी फैक्ट्री में काम करते थे. बृज लाल का कहना है कि उसकी तबियत खराब थी. किसी ने बताया कि फैक्ट्री में आग लग गई तो दौड़ा-दौड़ा यहां आया. यहां देखा कि सब जलकर खाक हो चुका है. मेरे भाई का तो कुछ पता ही नहीं चल रहा है. कोई कुछ बता ही नहीं रहा है. मृतक के परिवार के लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं थे. मजदूरों को सेफ्टी जैकेट भी पहनने को नहीं दी जाती थी. जो घर से कपड़े पहनकर आते थे, उन्हीं कपड़ों काम करते थे.
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चेयर पर बैठे-बैठे जल गए लोग
फैक्ट्री रेजिडेंशियल इलाके में थी, इसलिए यहां पर रहने पर लोगों का भी बहुत नुकसान हुआ है. घर का पूरा सामान जलकर खाक हो गया है. दरअसल फैक्ट्री में पेंट बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है. केमिकल में आग लगी तो ड्रम फटने लगे, सिलेंडर फट गए और मिनटों में आग इतना फैल गई कि लोग कुछ समझ ही नहीं पाए और बैठे बैठे जल गए. प्रत्यक्षदर्शी कहना है कि फैक्ट्री के ऑफिस में जो लोग चेयर पर बैठे थे, वो बैठे-बैठे ही जल गए.
भाग नहीं पाए मजदूर
केमिकल फैला तो उसके साथ ही आग भी फैलने लगी और 200 फीट तक आग की लपटें पहुंच गईं. लोगों के घर में तीसरे माले पर रखा सामान भी जल गया. जब तक फायर ब्रिगेड पहुंची तब तक लोगों ने पानी से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन ये केमिकल की आग थी, इसलिए पानी से बुझी ही नहीं. पास में निर्माण कार्य हो रहा था तो वहां से रेत लेकर आए, उसे डालना शुरू किया. नालियों में पानी के ऊपर तक से आग की लपटें उठ रही थीं, क्योंकि केमिकल वहां तक फैल गया था. फैक्ट्री के सामने ही नशा मुक्ति केंद्र है. यहां के लोगों को जल्दी से रेस्क्यू किया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री का गेट बंद था, इसलिए मजदूर भाग नहीं पाए.