नंबर गेम में क्यों पीछे रह गई BJP? 40 नेताओं की टास्क फोर्स ढूंढेगी वजह
लोकसभा चुनाव में सीटों के नुकसान को लेकर उत्तर प्रदेश बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. बीजेपी के कई नेताओं ने बंद लिफाफे में अपनी शिकायत राज्य यूपी प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दी है. इनमें से कई तो वो नेता हैं, जिन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. इसके साथ-साथ यूपी में हार के पीछे की वजह जानने के लिए बीजेपी 40 नेताओं की एक टास्क फोर्स भी बनाने की तैयारी में है.
यूपी में बीजेपी क्यों अच्छा नहीं कर पाई, इसका पता लगाने के लिए समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हो गया है. चुनाव लड़ने वाले नेताओं को लखनऊ बुला कर हार के कारण जानने की कोशिश हो रही है. कुछ उम्मीदवारों ने बंद लिफाफे में भीतरघात करने वाले बीजेपी नेताओं का कच्चा चिट्ठा भी दिया है. साथ ही ग्राउंड पर जाकर पार्टी के खराब प्रदर्शन की पड़ताल करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का भी फैसला हुआ है.
लोकसभा चुनाव लड़ चुके बीजेपी के 11 नेताओं ने बंद लिफाफा पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को सौंप दिया है. इसमें तीन ऐसे नेता हैं जो सांसद चुन लिए गए हैं. बाकी आठ ऐसे उम्मीदवार हैं जो चुनाव हार गए हैं पर उन्हें लगता है कि उन्हें अपनों ने ही हरा दिया है. मतलब ये कि पार्टी के नेताओं के भीतरघात के कारण उनका चुनाव खराब हो गया. बांदा के आर के सिंह पटेल का केस भी ऐसा ही है. पिछली बार वे चुनाव जीत गए थे. पर इस बार वे 70 हजार वोट से हार गए. पटेल कहते हैं कि बीजेपी के एक पूर्व विधायक और बाहर से आए नेताओं ने मेरे खिलाफ काम किया और मैं हार गया.
किशोर बोले- बीजेपी के लोगों ने ही हराया
ये बात भी दिलचस्प है कि आर के सिंह पटेल जैसी ही कहानी मोहनलालगंज के सांसद रहे कौशल किशोर का भी है. मोदी सरकार में मंत्री रहे किशोर का दावा है कि बीजेपी के लोगों ने ही उनका काम लगा दिया. चुनावी नतीजे आने से पहले ही फेसबुक पर उन्होंने भीतरघात के कारण हार की आशंका जताई थी. फैजाबाद से सांसद रहे लल्लू सिंह की भी यही राय है.
फैजाबाद लोकसभा सीट में ही अयोध्या भी आता है. कहा जा रहा है कि लल्लू सिंह ने अपनी हार के लिए पार्टी के तीन विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्नाव से साक्षी महाराज इस बार सिर्फ 36 हजार वोटों से जीत पाए. पिछली बार वे चार लाख वोटों से जीते थे. वे कहते हैं कि पार्टी के लोगों ने विरोध तो किया पर वे बाल बाल बच गए.
एक-एक सीट की समीक्षा करेगी टास्क फोर्स
यूपी बीजेपी ने 40 नेताओं की एक टीम बनाई है. जिसे हार का कारण पता लगाने वाली टास्क फोर्स कहा जा रहा है. इस टीम के साथ आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने लंबी बैठक की. टास्क फोर्स के नेता लोकसभा क्षेत्रों में जाकर हार की वजहें जानेंगे. चौधरी ने कहा कि एक-एक सीट की समीक्षा होगी और फिर पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी जाएगी.
टीम में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी
यूपी बीजेपी ने चालीस नेताओं की एक टीम बनाई है. इस टीम में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी हैं और सरकार में मंत्री रहे कुछ नेता भी. जैसे सुरेश राणा को जालौन में हार का कारण पता लगाने को कहा गया है. यहां से मोदी सरकार में मंत्री रहे भानु प्रताप वर्मा इस बार चुनाव हार गए हैं ग्राउंड पर जाकर यही नेता पार्टी के खराब प्रदर्शन की पड़ताल करेंगे.
पार्टी क्यों और कैसे हारी! एक नेता को दो लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. जिस सीट पर पार्टी को जीत मिली है, उसकी भी समीक्षा होगी. आखिर क्यों पार्टी को पिछली बार के मुकाबले कम वोट मिले. यूपी में बीजेपी इस बार सिर्फ 33 सीटें जीत पाई हैं. जबकि उसने 65 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.