चीन ने आंख दिखाई तो खैर नहीं, पूर्वी लद्दाख के लिए भारत ने बनाया यह खास प्लान
सेना के अधिकारियों के मुताबिक, न्योमा में काफी लंबे समय से सुखाई और राफेल जैसे लाड़ाकू विमानों के परिचालन की जरूरत महसूस की जा रही है क्योंकि लेह में मौसम खराब होने पर सेना को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
भारत ने बार-बार आंख दिखाने वाले चीन की हेकड़ी निकालने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. भारत ने पूर्वी लद्दाख में क्रिटिकल माने जाने वाले न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (ALG) को पूरी तरह से अपग्रेड कर रहा है ताकि किसी भी हालात में वो पड़ोसी मुल्क से अपनी रक्षा कर सके और जरूरत पड़ने पर करारा जवाब भी दे सके. न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड करने के लिए भारतीय सेना 230 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सेना के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि भारतीय सेना की ओर से न्योमा में बने एयर स्ट्रिप की लंबाई को बढ़ाकर 2.7 किमी की जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर यहां सभी तरह के फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट लैंड हो सके. इसके जरिए भारत अपनी सुरक्षा तो पुख्ता करेगा ही साथ में जरूरत पड़ने पर करारा जवाब भी दे सकता है.
LAC से कितनी दूरी पर है न्योमा लैंडिंग ग्राउंड?
13400 फीट की ऊंचाई पर स्थिति न्योमा का एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भारत और चीन के बीच बने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 50 किमी से भी कम दूरी पर स्थित है. न्योमा ग्राउंड को इसलिए भी काफी अहम माना जाता है क्योंकि यहां से चीन की हर हरकतों पर नजर रखी जा सकती है और समय आने पर पड़ोसी मुल्क पर माकूल जवाब भी दिया जा सकता है.
कौन कर रहा अपग्रेडेशन का काम?
न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड करने का काम बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि इसे अपग्रेड करने के लिए तीन वर्किंग सीजन की जरूरत है. इस बीच में यहां पर एयर स्ट्रिप को बढ़ाने के साथ-साथ हैंगर और अन्य सैन्य ढांचों का निर्माण किया जाएगा.
अधिकारियों की मानें तो 2025 के मध्य तक यह ग्राउंड पूरी तरह से अपग्रेड हो जाएगा. न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के अपग्रेडेशन के बाद यहां पर चिनूक हेलीकॉप्टर, मीडियम लिफ्ट विमान Mi-17 V5 और अपाचे हेलीकॉप्टर के मालवाहक विमान C-130J आसानी से लैंड और उड़ान भर सकते हैं.