Hotel Booking Scams: इंटरनेट से होटल बुक करना पड़ सकता है भारी, ऐसे हो रही धोखाधड़ी

Hotel Booking Scams: इंटरनेट से होटल बुक करना पड़ सकता है भारी, ऐसे हो रही धोखाधड़ी

Hotel Booking Fraud: ऑनलाइन होटल बुक करने पर भी आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है. इंटरनेट के जरिए होटल बुक करने वाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है. आइए देखते हैं कि होटल बुकिंग का फ्रॉड कैसे किया जाता है.

आजकल हर काम ऑनलाइन हो रहा है. प्रोफेशनल कामकाज हो या बच्चों की पढ़ाई, हर जगह इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है. शहर से बाहर कहीं जाना पड़े तो भी होटल बुक करने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया जाता है. हालांकि, ऑनलाइन होटल बुक करना भी खतरे से खाली नहीं है. इंटरनेट से होटल बुक करने पर आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. होटल बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी, लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर चुके हैं. इस गैंग का देश के कई राज्यों में जाल फैला हुआ था.

दिल्ली क्राइम ब्रांच के मुताबिक, साइबर ठगी का ये गिरोह होटल बुकिंग के नाम पर ठगी किया करता था. दिल्ली के रहने वाले एक शख्स ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि अक्टूबर 2022 में वह गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर जाना चाहते था. जिसके लिए शिकायतकर्ता ने गुजरात में ठहरने के लिए इंटरनेट के जरिए होटल के बारे में जानकारी ली, जिसमें उसने होटल कोकिला, धीरज धाम व उसका मोबाइल नंबर इंटरनेट से सर्च किया.

ठगों ने ऐसे की धोखाधड़ी

ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से मिले मोबाइल नंबर पर शिकायतकर्ता ने संपर्क किया जिसमें आरोपी ने खुद को होटल कोकिला का मैनेजर बताया. उसके बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता से बुकिंग के नाम पर 1 लाख रुपए से ज्यादा रकम ठग लिए. ठगे जाने का एहसास होने के बाद शिकायतकर्ता ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई.

साइबर क्राइम के लिए खुलवाए बैंक अकाउंट

मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की ओर से टीम गठित की गई. जांच में टीम ने अकाउंट होल्डर के बारे में पता किया. जिसमें दो अकाउंट होल्डर जगजीत और शिवम का नाम सामने आया. ये दोनों उत्तराखंड के निवासी है. उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि बैंक खाते मान सिंह के द्वारा खोले गए थे. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने मान सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में मान सिंह ने बताया की वो भोले-भाले गरीब और अनपढ़ लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाया करता था. उनके बैंक खाते को साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल करने लगा और 10 हजार रुपए के हिसाब से बैंक खातों को बेच दिया करता था.

क्राइम ब्रांच ने सुलझाया केस

इसके बाद जानकारी के आधार पर टीम ने सभी बैंक खातों की जांच की. टीम को पता चला कि 10 से ज्यादा बैंक खाते हैं, जिससे आरोपी राजस्थान के अलग-अलग एटीएम से रकम निकालते थे. पुलिस ने इसके बाद कार्यवाही की तो देवो सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया.

देवो सिंह राजस्थान का ही निवासी पाया गया है. ठगी की रकम को देवो सिंह के साथ राजस्थान के अलग-अलग ATM से आरोपी पैसे निकाल रहे थ. इनकी गिरफ्तारी के साथ ही क्राइम ब्रांच ने सफलतापूर्वक मामले को सुलझा लिया.