PoK में व्यवसाय ठप, पर्यटन में गिरावट… सैलानी बोले- पैसा और समय दोनों बर्बाद

पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में भारत के साथ बढ़ते तनाव ने पर्यटन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है. दोनों देशों के बीच बढ़ी तल्खी का असर यहां भी देखने को मिल रहा है. कभी व्यस्त रहने वाली सड़कें और टूरिस्ट स्पॉट अब पर्यटकों की राह देख रहे हैं. यहां सैलानियों कीआवाजाही में काफी कमी आई है.
पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में भारत के साथ बढ़ते तनाव ने पर्यटन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है. दोनों देशों के बीच बढ़ी तल्खी का असर यहां भी देखने को मिल रहा है. कभी व्यस्त रहने वाली सड़कें और टूरिस्ट स्पॉट अब पर्यटकों की राह देख रहे हैं. यहां सैलानियों की आवाजाही में काफी कमी आई है. नियंत्रण रेखा के पास सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के कारण कई पर्यटक अपनी यात्रा को बीच में ही रोक रहे हैं, मुख्य घाटी में जाने के बजाय वो छोटे-छोटे दर्शनीय स्थलों पर समय बिता रहे हैं.
पाकिस्तान के लाहौर की एक पर्यटक सबीहा इब्राहिम का कहना है ‘अगर अधिकारियों को पता होता कि स्थिति तनावपूर्ण है, तो उन्हें हमें पहले चेकपॉइंट पर ही रोक देना चाहिए था. हम वापस लौट सकते थे या कहीं और जा सकते थे. हम निराश हैं, लेकिन चूंकि हम पहले से ही यहां थे इसलिए हमने इसका पूरा लाभ उठाने का फैसला किया. यह एक अप्रत्याशित बदलाव है, जिसने यात्रियों और स्थानीय व्यवसायों दोनों को परेशान कर दिया है.
पर्यटकों ने उठाए सवाल
वहीं लाहौर से आए एक अन्य पर्यटक अहमद अनवर का कहना है ‘हम बड़ी उम्मीदों के साथ आए थे, बच्चे उत्साहित थे, लेकिन यहां के लोग हमें आगे न जाने के लिए कह रहे हैं. हमें चेतावनी नहीं दी गई थी और अब हमने अपना समय और पैसा बर्बाद कर दिया है’. उन्होंने कहा कि बच्चे भी निराश हो गए हैं.
होटल के कमरे पड़े हैं वीरान
यह क्षेत्र जो कभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था, अब शांत है. भारत के साथ चल रहे तनाव और हाल ही में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण यात्राएं रद्द हो रही हैं, होटल खाली हो रहे हैं और पर्यटन पर निर्भर रहने वालों के लिए अनिश्चितता बढ़ रही है. लोगों को काफी नुकसान हो रहा है.
नीलम घाटी में दस कमरों वाला गेस्ट हाउस चलाने वाले वसीर अब्बासी जैसे होटल मालिकों के लिए, पर्यटकों की संख्या में यह गिरावट विनाशकारी है. जो पीक सीजन होना चाहिए था, वह सूखा हो गया है. उन्होंने बताया कि बीते एक सप्ताह से एक भी पर्यटक नहीं आया है. हजारों लोग घाटी में आते थे, लेकिन अब उन्हें प्रवेश बिंदु पर ही रोक दिया जाता है, ऐसे में व्यवसाय को गंभीर झटका लगा है.
दुकानदारों को हो रहा नुकसान
पर्यटन में गिरावट दुकानदारों, गाइडों और ट्रांसपोर्टरों को भी प्रभावित कर रही है, जो इस मौसमी आय पर निर्भर हैं. जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ावा देने वाला माना जाता था, वह अब बोझ बन रहा है. अब्बासी ने कहा ‘हमें अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालना पड़ा और उन्हें घर भेजना पड़ा. हमारे सभी कमरे खाली हैं, एक भी बुकिंग नहीं हुई है. पर्यटकों को अंदर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है’.