Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ की यात्रा करने वाले हर शिव भक्त को मालूम होनी चाहिए ये 8 बड़ी बातें
उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट एक बार फिर खुल गए हैं. यदि आप भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग पर जाने की सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको इससे जुड़ी 8 रोचक बातें जरूर जाननी चाहिए.
सनातन परंपरा से जुड़े हर व्यक्ति की कामना होती है कि वह अपने जीवन में एक बार 12 ज्येातिर्लिंगों में से एक बाबा केदारनाथ की यात्रा जरूर करे. हिमालय की गोद में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज छह महीने बाद एक बार फिर से खुल गए हैं. ऐसे में हर किसी शिव भक्त की चाह है कि वह बाबा के दरबार में जाकर एक बार अपनी हाजिरी जरूर लगाए. यदि आप भी कुछ ऐसी ही प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको केदारनाथ की यात्रा करने से पहले इस पावन धाम से जुड़े तमाम धार्मिक रहस्यों को जरूर जानना चाहिए. आइए शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम से जुड़े रोचक बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
- पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार भगवान श्री विष्णु ने नर और नारायण रूप में अवतार लिया और महादेव की तपस्या करके उनसे यह वरदान लिया कि वे हिमालय की गोद में शिवलिंग रूप में स्थापित होंगे. जिस स्थान पर भगवान शिव स्थापित हुए वह राजा केदार का क्षेत्र आता था. राजा केदार के नाथ कहलाने वाले शिव को बाद में बाबा केदारनाथ के नाम से जाना गया.
- मान्यता है कि बाबा केदारनाथ के इस पावन धाम की पांडवों ने खोज की थी और सालों बर्फ के नीचे दबे रहने के बाद इस पावन धाम का कालांतर में आदि शंकाराचार्य ने जीर्णोद्धार करवाया था.
- बाबा केदारनाथ के मंदिर में मुख्य शिवलिंग के अलावा भी कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. मंदिर के भीतर जाने पर आपको माता पार्वती, नंदी के साथ पांच पांडवों, द्रौपदी आदि की भी मूर्ति देखने को मिलती हे.
- सााल 2013 में आए जल प्रलय में बहकर आई बड़ी शिला जिसके कारण मंदिर सुरक्षित रहा, उस देव शिला की भी वर्तमान में पूजा होती है.
- मान्यता है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के पृष्ठ भाग और नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में अग्रभाग की पूजा होती है.
- 12 ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ धाम और रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को यदि मानचित्र में देखा जाए तो दोनों एक सीध में हैं.
- केदारनाथ मंदिर छह महीने तक खुला और छह महीने तक बंद रहता है. सर्दियां आते ही दीपावली के बाद बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और गर्मियों में इसे फिर दोबारा खोला जाता है. इस दौरान मंदिर के भीतर एक बड़ा दिया लगातार छह महीने तक जलता रहता है.
- पौराणिक मान्यता के अनुसार जिस व्यक्ति की केदारनाथ धाम में मृत्यु होती है, उसे शिव कृपा से सीधे मोक्ष को प्राप्त होता है.
ये भी पढ़ें: मई महीने में कब लगेगा चंद्रग्रहण, पढ़ें सिर्फ एक क्लिक में
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)