Kurukshetra Lok Sabha Seat: बीजेपी या कांग्रेस…कुरुक्षेत्र की लड़ाई में किसकी होगी जीत?
1973 में कुरुक्षेत्र जिले का गठन किया गया. इसके बाद 1977 में पहली बार यहां आम चुनाव हुए. 1977 से लेकर 2019 तक यहां 10 चुनाव हुए. इनमें से तीन बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नायाब सिंह ने कांग्रेस के निर्मल सिंह को करीब चार लाख वोटों से हराया था.
Haryana Lok Sabha Election 2024: महाभारत काल से ही कुरुक्षेत्र का अपना एक खास महत्व रहा है. यहीं पर कौरवों और पांडवों के बीच लड़ाई हुई थी. जब भी महाभारत का जिक्र आता है, कुरुक्षेत्र जेहन में आ ही जाता है. हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. शुरुआत में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट कैथल लोकसभा सीट थी. 1977 में पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई थी. यहां के मौजूदा सांसद बीजेपी के नायाब सिंह सैनी हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में नायाब सिंह ने कांग्रेस के निर्मल सिंह को हराया था. इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है. बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होनी है जबकि आम आदमी पार्टी ने यहां से सुशील गुप्ता को मैदान में उतारा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से बीजेपी ने ही जीत हालिस की थी. बीजेपी के राजकुमार सैनी ने भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (INLD) के बलबीर सिंह सैनी को करारी शिकस्त दी थी. वहीं, 2009 में कांग्रेस के नवीन जिंदल ने जीत का परचम लहराया था.
1977 में पहली बार यहां हुए आम चुनाव
बता दें कि 1973 में कुरुक्षेत्र जिले का गठन किया गया. इसके बाद 1977 में पहली बार यहां आम चुनाव हुए. 1977 से लेकर 2019 तक यहां 10 चुनाव हुए. इनमें से तीन बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की. बाकी दो बार यहां से जनता पार्टी के सांसद चुने गए. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा की सीटें (रादौर, लाडवा, शाहबाद-sc,थानेसर, पेहोवा, गुहला-sc,कलायत, कैथल और पूंडरी) आती हैं.
जीत का आंकड़ा
पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में बीजेपी ने नायाब सिंह ने कांग्रेस के निर्मल सिंह को करीब चार लाख वोटों से करारी शिकस्त दी थी. नायाब सिंह को 688,629 यानी 56 फीसदी वोट मिले थे जबकि निर्मल सिंह को 304,038 यानी 25 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजकुमार सैनी ने भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के बलबीर सिंह सैनी को 1,29,736 वोटों से हराया था. राजकुमार सैनी को 418,112 वोट जबकि बलबीर को 288,376 लाख वोट मिले थे. वहीं, 2009 में कांग्रेस के नवीन जिंदल ने INLD के अशोक कुमार अरोड़ा को सवा लाख वोटों से हराया था. जिंदल को 397,204 जबकि अरोड़ा को 278,475 लाख वोट मिले थे.
कुल कितने मतदाता?
बता दें कि कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख से अधिक लाख मतदाता हैं, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 8,40,974 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला वोटरों की संख्या 7,38,138 है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 12,30,202 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था. यानी यहां 78 फीसदी वोटिंग हुई थी.
कब-कब किसने जीता?
- 1977 में जनता पार्टी से रघुवीर सिंह
- 1980 में जनता पार्टी से मनोहर लाल सैनी
- 1984 में कांग्रेस से हरपाल सिंह
- 1989 में जनता दल पार्टी से गुरदयाल सिंह सैनी
- 1991 में कांग्रेस से तारा सिंह
- 1996 में हरियाणा विकास पार्टी से ओपी जिंदल
- 1998 में इनेलो क्लासो सैनी
- 2004 में कांग्रेस के नवीन जिंदल
- 2014 में बीजेपी से राजकुमार सैनी
- 2019 में बीजेपी से नायाब सैनी
कुरुक्षेत्र का संक्षिप्त इतिहास
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का इतिहास काफी पुराना है. कुरुक्षेत्र क्षेत्र का नाम राजा कुरु के नाम पर रखा गया था. इसके अलावा जब भी महाभारत का जिक्र आता है, कुरुक्षेत्र जेहन में आ ही जाता है क्योंकि यहीं पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. यहीं पर कौरव और पांडवों के बीच लड़ाई हुई थी. कहा जाता है कि युद्ध में इतनी संख्या में सैनिक मरे कि आज भी कुरुक्षेत्र की मिट्टी लाल रंग की है. कुरुक्षेत्र पर बौद्धों और जैनियों का भी प्रभाव रहा है. इसके अलावा सिख और पठान शासकों का भी कब्जा रहा है. यहां पर मुगलों ने भी शासन किया.