Nail Polish और Shampoo से हो जाएं सावधान, महिलाओं को इससे डायबिटीज का खतरा!
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी है कि केमिकल्स हेयर स्प्रे, आफ्टर शेव और अन्य सौंदर्य उत्पादों में भी पाए जाते हैं. सांइटिस्ट के मुताबिक, ये केमिकल्स गर्भ में ट्यूमर, कैंसर और नवजात शिशुओं के विकास को रोकते हैं.
अक्सर हम खराब खान-पान और लाइफस्टाइल को ही बीमारियों का कारण मानते हैं. लेकिन इसके अलावा ऐसी कई चीजें हैं, जो हमारे शरीर में गंभीर बिमारियों का कारण बन सकती हैं. इन्हीं बीमारियों में से एक है- डायबिटीज की बीमारी. डायबिटीज की बीमारी को केवल कंट्रोल किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है. हाल ही में एक स्टडी हुई है, जिसके सामने आया है किनेल पॉलिश और शैंपूसे भी महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.
इस शोध में बताया गया है किनेट पेंट और शैंपू में मौजूद टॉक्सिक केमिकल्स से महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है. कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में Phthalates नाम के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जो प्लास्टिक को और ज्यादा मजबूत बनाता है.
रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने करीब 1300 महिलाओं को 6 सालों तक ट्रैक किया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं इस Phthalates नाम के इन केमिकल्स के हाई एक्सपोजर में थीं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क 63 फीसदी ज्यादा था. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी है कि ये केमिकल्स हेयर स्प्रे, आफ्टर शेव और अन्य सौंदर्य उत्पादों में भी पाए जाते हैं. सांइटिस्ट के मुताबिक, ये केमिकल्स गर्भ में ट्यूमर, कैंसर और नवजात शिशुओं के विकास को रोकते हैं.
Phthalate का इस्तेमाल क्यों
Phthalate किसी भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट की ड्यूरैबिलिटी और ल्यूब्रिकेशन के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 1,300 उन अमेरिकी महिलाओं पर शोध किया, जिन्हें डायबिटीज नहीं था. रिसर्चर्स ने 2000 से 2006 तक 6 साल तक उनकी निगरानी की. शोधकर्ताओं ने महिलाओं के यूरिन सैंपल्स लिए थे.
शोधकर्ताओं ने क्या कहा
शोधकर्ताओं ने बताया कि जहरीले रसायन डायबिटीज का कारणबन सकते हैं क्योंकि वे हार्मोन इंसुलिन और ग्लूकागन को बाधित करते हैं. ये हमारे ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और कोशिकाओं में इंसुलिन प्रतिरोध को ट्रिगर करते हैं. अगर शरीर इनमें से किसी भी हार्मोन के लिए प्रतिरोधी हो जाता है, तो यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित नहीं कर सकता, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है.