पहलगाम हमला कैसे कश्मीरियों के पेट पर है लात, पहली बार आतंकियों के टारगेट पर रहे सैलानी

पहलगाम के बायसरान में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई. यह हमला पर्यटन सीजन के चरम पर हुआ जिससे कश्मीर के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है. यह घटना कश्मीर की शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा झटका है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी निंदा की जा रही है. कश्मीरियों ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि ये हमला हमारी रोजी-रोटी पर हुआ है.
जम्मू-कश्मीर के फेमस टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में मंगलवार को दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं. यह हमला अनंतनाग जिले के बायसरान घास के मैदान में हुआ, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है और मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है. आतंकियों ने बायसरान में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की और खासतौर पर पुरुषों को निशाना बनाया. पहलगाम में पर्यटकों पर हमला सिर्फ कश्मीरियत और इंसानियत पर ही चोट नहीं है बल्कि कश्मीरी आवाम के पेट पर लात भी है.
श्रीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित बायसरान में बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आए थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकी बायसरान घाटी के जंगलों से निकले पर्यटकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने कहा है, ‘इस बार आतंकियों ने खासतौर पर आम पर्यटकों को निशाना बनाया, जो अब तक नहीं होता था.’ यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक सीजन अपने चरम पर है और पहलगाम में भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. ऐसे में यह हमला कश्मीर की आवाम के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि आतंकी हमले का सीधा असर जम्मू-कश्मीर जाने वाले सैलानियों पर पड़ेगा.
आतंकियों के टारगेट पर सैलानी
जम्मू-कश्मीर के 36 साल के आतंकवाद के दौरान पर्यटकों पर इतना बड़ा हमला कभी नहीं हुआ. यह घटना उस जगह पर हुई है, जहां पर पैदल या फिर घोड़े पर सवारी से ही जाया जा सकता है. अनंतनाग जिले केबायसरान घास बर्फ से जमी रहती है, जहां पर पर्यटक घूमने और देखने के लिए जाते हैं. इस बार भी बड़ी संख्या में पर्यटक छुट्टी मनाने के लिए गए थे और जंगल में छिपे आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने चुन चुन कर टूरिस्ट्स को गोलियों से भूना है, उसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. टूरिस्ट्स कुछ घूमने आए थे और कुछ शादी करके हनीमून मनाने आए थे.
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आतंकियों ने बायसरान घाटी के पास घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई. इस हमले में मरने वालों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक शामिल हैं. मारे गए पर्यटकों में 3 विदेशी नागरिक भी हैं, जिसमें नेपाल, यूएई और इजराइल के हैं. एक महिला पर्यटक ने न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया, ‘मेरे पति के सिर में गोली लगी और कई अन्य लोग भी घायल हुए. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने गोलीबारी से पहले एक महिला पर्यटक से उसका नाम और धर्म पूछा, उसके बाद गोली मार दी. पर्यटकों के निशाना बनाए जाने का नतीजा है कि कश्मीर की जनता भी आतंकवादियों के खिलाफ खुलकर बोल रही है.
पहलगाम हमला कश्मीर के झकझोरा
कश्मीरी धार्मिक और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि पर्यटकों पर हमला हमारी परंपरा के खिलाफ है. हम कश्मीर में मेहमानों का स्वागत प्यार और गर्मजोशी से करते हैं. वहीं, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला केवल कुछ चुनिंदा लोगों पर हमला नहीं है बल्कि यह हम सभी पर हमला है. हम दुख और आक्रोश में एक साथ खड़े हैं . पहलगाम हमले के विरोध में महबूबा मुफ्ती ने पूर्ण रूप से कश्मीर के बंद का आह्वान किया है.
हमला कश्मीरियों के पेट पर लात है
पहलगाम के स्थानीय लोगों ने एक कैंडल मार्च निकाला और पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं जाहिर कीं. मंगलवार शाम कैंडल मार्च में शामिल एक युवक ने कहा, यह बुजदिलाना हमला है, जिसकी हम निंदा करते हैं. हम पहले हिंदुस्तानी हैं, उसके बाद कश्मीरी हैं.’ यही नहीं कश्मीर के धार्मिक संगठन और राजनीतिक दलों ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए सड़क पर उतरे. स्थानीय लोगों ने कहा कि पर्यटकों पर हमला कश्मीर की आवाम के पेट पर लात है, क्योंकि पर्यटकों के कश्मीर आने से ही उनके घर चलते हैं और उनके रोजगार का साधन है.
पहलगाम हमले के बाद पहली बार कश्मीर की जनता खुलकर आतंकवादियों के खिलाफ खुल कर बोल रही है. पहलगाम और कश्मीर के कई इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे है. जम्मू के बाद कश्मीर घाटी में सभी विपक्षी पार्टी ने भी घाटी को बंद करने का आह्वान किया है. पहले ऐसा नहीं होता था. कश्मीर के लोगों का कहना है कि यह इंसानियत कत्ल है. कश्मीरी लोगों की मेहमान नवाजी का कत्ल हैं. कश्मीरी आवाम के रोजगार पर हमला है. जम्मू के साथ साथ कश्मीर घाटी के लोगों का भी मानना है कि पहलगाम हमले ने शर्म से उनका सिर झुका कर दिया है.
बता दें कि करीब 30 साल पहले हिजबुल मुजाहिदीन ने अमरनाथ यात्रा रोकने की धमकी दी थी तो जम्मू-कश्मीर के तमाम संगठन विरोध में उतर आए थे, अलगाववादी भी साथ ही लोकल आतंकवादी भी विरोध में खड़े थे. अब जब पर्यटकों को आतंकियों ने निशाना बनाया है तो कश्मीर की आवाम, राजनीतिक दल और धार्मिक नेता सभी एक साथ विरोध में उतर गए हैं.
टूरिज्म पर टिका जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर की आर्थिक व्यवस्था टूरिज्म पर टिकी हुई है और कश्मीरी आवाम के एक बड़ा रोजगार का साधन है. देश और दुनियाभर से लोग घूमने और सैर-सपाटा करने के लिए कश्मीर आते हैं. ऐसे में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाने पर लिया है, जिसके मकसद केवल सुरक्षा एजेंसी और सरकार को चुनौती नहीं बल्कि बाहरी लोगों के डराने की भी है. जुलाई में अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है. अमरनाथ जाने का रास्ता पहलगाम से होकर गुजरता है. ऐसे में पहलगाम का आतंकी हमला अमरनाथ यात्रा को भी प्रभावित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
कश्मीर में टूरिज्म का सीजन अभी शुरू ही हुआ है. गर्मी में बड़ी संख्या में पर्टयक कश्मीर आते हैं. मई और जून की गर्मी में कश्मीर की वादियों को देखने और सैर-सपाटा करने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है. ऐसे में आंतकियों ने जिस तरह पर्टयकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया है, उसका सीधा असर कश्मीर पर पड़ सकता है. यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक सीजन अपने चरम पर है और पहलगाम में भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. ऐसे में पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला कैसे कश्मीरी आवाम के लिए काफी मुश्किल में डाल देगा.
370 हटने के बाद बढ़ी पर्यटकों की संख्या
मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था. विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद में आतंकियों पर भी नकेल कसी गई है. कश्मीर को पर्यटन के लिहाज से सरकार ने बढ़ावा दिया है, जिसके चलते सैलानियों की संख्या बड़ा इजाफा हुआ है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया था कि धारा 370 हटाए जाने के बाद से पर्यटन की वजह से कमाई में लगातार बढ़ोतरी हुई है. हर साल राज्य की कमाई में 15 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है.
जम्मू-कश्मीर में 2020 में 34 लाख पर्यटक पहुंचे थे, उस समय कोरोना काल था. इसके बाद 2021 में 1 करोड़ 13 लाख पर्यटक पहुंचे थे. इसी तरह 2022 में 1 करोड़ 88 लाख पर्यटक प्रदेश की सुंदरता निहारने गए थे तो वर्ष 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक पहुंचे. 2024 में 2 करोड़ 30 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर घूमने के लिए पहुंचे थे. इन पर्यटकों में देश और विदेश समेत पूरी दुनिया के पर्यटक शामिल हैं.
पहलगाम में मंगलवार को हुआ आतंकी हमला पर्यटन क्षेत्र के केंद्र में है. आतंकवादियों ने घाटी में पर्यटन के मौसम को चुना, जब घास के मैदान और मुगल उद्यान वसंत का आनंद लेने के लिए हजारों आगंतुकों को आकर्षित करते हैं. यह हमला ऐसी जगह पर भी हुआ जो हर पर्यटक के यात्रा का केंद्र होता है. दक्षिण कश्मीर में पहलगाम काफी खूबसूरत और पर्यटन के लिहाज से काफी अहम है. यह अमरनाथ गुफा के लिए दो मार्गों में से एक के रूप में कार्य करता है, जो हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, और यह बैसरन देवदार के जंगल का घर है, जो एक लोकप्रिय ट्रैकिंग मार्ग है.