सर्द सुबह में चाय के लिए मोहताज पाकिस्तान! पहले पेट सूख गया अब गला…
चाय का नाम सुनते ही एक अजीब सा एहसास जाग जाता है. लाख कॉफी,सूप जैसी चीजों का सेवन करें मगर चाय की बात अलग है. मगर पाकिस्तान वालों की किचन से ये भी गायब होता जा रहा है. चाय की कीमतें आसमान छू रही हैं.
चाय, सिर्फ दो शब्दों का एक व्यंजन नहीं, बल्कि इसमें बसती है मोहब्बत, ताजगी, खुश्बू…यूं ही नहीं ये अमीरी-गरीबी का फर्क मिटाकर झोपड़ी से लेकर महलों तक राज करती है. हर सुबह सूरज उगने के साथ चाय का इस्तकबाल होता है. लेकिन अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तान वालों को अब ये भी नसीब नहीं हो रही. कीमतों में बेशुमार इजाफे के कारण रसोईखाने में रखे चाय की पत्नी का डिब्बा खाली हो चुका है. पाकिस्तान की आर्थिक हालात में बहुत कुछ लिखा जा चुका है. कोई भी मुल्क कर्ज तक नहीं दे रहा.
आटा-दाल नहीं था तो साग भाजी मीट से काम चल गया. रोटी की जगह चावल खा लिया. लेकिन ऐसे सर्द मौसम में चाय न मिले तो जनाब दिल नहीं लगता. पाकिस्तानी हुकूमत की गैरजिम्मेदार हरकतों ने देश को बुरी तरह गर्दिश में डाल दिया है. अवाम बुरी तरह दर्द के साथ जिंदगी बिता रही है. आलम से है कि पोर्ट में 250 चाय के कंटेनर भरे हुए खड़े हैं मगर इनको छुड़ाने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है. 15 दिनों में दाम 1100 प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1600-1800 तक पहुंच गए हैं. 420 ग्राम का पैकेट 720 का बिक रहा है जबकि 15 दिन पहले तक यही कीमत 500 रुपये के आसपास थी. अगर ये कंटेनर रिलीज नहीं हुए तो कीमतें 2000 प्रतिकिलो पार कर जाएंगी.
कब तक कोई करेगा मदद…
पाकिस्तान की इस हालत पर आईएमएफ ने भी मदद करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. इस देश की बहुत मदद की गई लेकिन आतंकपरस्त देश के पास पैसा कहां से आए इसकी ठोस नीति नहीं है. पीसीबी कंगाली हालत में बैठा है. विश्व के ज्यादातर देश पाक सरज़मी पर मैच नहीं खेलना चाहते. यहां पर बिजनेसमैन कारोबार करने से कतराता है. चीन को अपना साथी बनाकर कई देशों से रिश्ते खराब कर लिए हैं. राजनीतिक उठापटक ऐसी की कभी गधे पर सवार तो कहीं गधा सवार वाली स्थिति.
पाकिस्तान किचन से चाय की पत्ती गायब
उदासी में कुछ पल जन्नत से जियोगे क्या ? चाय बना रहा हूं अदरक वाली पियोगे क्या? कुछ ऐसी ही है चाय की रूहानियत. हर चुस्की पर आह और दिल तक सुकून. टपरी से लेकर पांच सितारा तक ये मशहूर है. फिल्मों से लेकर ग़ज़लों नगमों में इसकी चर्चा होती है. जमाना चाहे जिस तरफ मुड़ जाए, नहीं बदला तो इसका रंग. हालांकि अब बदलते युगों में इसके भी कई स्वाद आ गए हैं लेकिन वो अदरक वाली चाय आज भी सरताज है मगर अफसोस पाकिस्तान इससे मोहताज है….