तमिलनाडु के इन प्रसिद्ध मंदिरों का दौरा करेंगे PM मोदी, रामकथा से है खास कनेक्शन

तमिलनाडु के इन प्रसिद्ध मंदिरों का दौरा करेंगे PM मोदी, रामकथा से है खास कनेक्शन

रामकथा से जुड़े मंदिरों की यात्रा की शृंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला पड़ाव अब तमिलनाडु का मंदिर है. प्रधानमंत्री अगले 20 और 21 जनवरी को यहां के पौराणिक महत्व के मंदिरों का दौरा करने वाले हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में रामायण कथा से जुड़े पौराणिक मंदिरों में पूजा, अर्चना की और आरती के साथ ही भजन-कीर्तन में भाग लिया.

अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कई प्रसिद्ध मंदिरों का दौरा करने वाले हैं. प्रधानमंत्री मोदी 20 और 21 जनवरी को तमिलनाडु के जिन प्रमुख मंदिरों का दौरा करेंगे और पूजा अनुष्ठान में भाग लेंगे, वे रामायण की कथा से संबंध रखते हैं. इन मंदिरों में तिरुचिरापल्ली का श्री रंगनाथस्वामी मंदिर और श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर भी शामिल है. इसके अलावा प्रधानमंत्री कोठंडारामास्वामी मंदिर, धनुषकोडी भी जाएंगे.

पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री मोदी लगातार मंदिरों की यात्रा कर रहे हैं. महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में उन्होंने रामायण कथा से जुड़े पौराणिक स्थलों के प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा, अर्चना, आरती की और भजन कीर्तन किया. अब उनका आगे का कार्यक्रम तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिरों के अनुष्ठान में हिस्सा लेना है.

20 जनवरी को किन मंदिरों में जाएंगे पीएम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री इस मंदिर में अनेक विद्वानों द्वारा कंब रामायण के छंदों का पाठ भी सुनेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब 2 बजे रामेश्वरम पहुंचेंगे और श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे.

तमिलनाडु के मंदिरों में पीएम मोदी श्री रामायण पारायण कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में आठ अलग-अलग भाषा की पारंपरिक मंडलियां मसलन संस्कृत, अवधी, कश्मीरी, गुरुमुखी, असमिया, बंगाली, मैथिली और गुजराती में रामकथाओं का पाठ होगा.

21 जनवरी को किन मंदिरों में जाएंगे पीएम?

21 जनवरी को प्रधानमंत्री धनुषकोडी के कोठंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे. धनुषकोडी के पास प्रधानमंत्री अरिचल मुनाई भी जाएंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था.त्रिची के श्रीरंगम स्थित यह मंदिर देश के सबसे प्राचीन मंदिर परिसरों में से एक है और इसका उल्लेख पुराणों और संगम युग के ग्रंथों सहित कई प्राचीन ग्रंथों में है.

यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. वैष्णव धर्मग्रंथों में इस मंदिर में पूजी जाने वाली मूर्ति और अयोध्या के बीच संबंध का उल्लेख है. ऐसा माना जाता है विष्णु की जिस मूर्ति की पूजा श्री राम और उनके पूर्वज करते थे, उसे उन्होंने लंका ले जाने के लिए विभीषण को दे दी थी. रास्ते में यह मूर्ति श्रीरंगम में स्थापित कर दी गई.

चार धामों में शामिल रामेश्वरम का महत्व

इस मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रामनाथस्वामी हैं, जो भगवान शिव का एक रूप हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में मुख्य लिंगम की स्थापना और पूजा श्री राम और माता सीता ने की थी. यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है. यह चार धामों यानी बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम में से एक है. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है.

धनुषकोडी में हुआ विभीषण का राज्याभिषेक

यह मंदिर श्री कोठंडाराम स्वामी को समर्पित है. कोठंडारामा नाम का आशय धनुषधारी राम है. यह धनुषकोडी में स्थित है. ऐसा कहा जाता है यहीं पर विभीषण पहली बार राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी. कुछ किंवदंतियां ये भी हैं कि यही वह स्थान है जहां राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था.