हार्ट अटैक के बाद वर्कआउट करते दिखीं Sushmita, लेकिन हेल्थ के लिए कितना सेफ

हार्ट अटैक के बाद वर्कआउट करते दिखीं Sushmita, लेकिन हेल्थ के लिए कितना सेफ

एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट करते हुए बताया कि उनके कार्डियोलॉजोस्ट वर्कआउट करने की इजाजत दे दी है. इस फोटो में सुष्मिती सेन योगा व्हील पर बैक बेंड स्ट्रेच करते दिख रही हैं.

Sushmita Sen Workout: कुछ दिन पहले ही सुष्मिता सेन ने फैंस को अपने हार्ट अटैक के बारे में बताकर हैरान कर दिया था. लेकिन हार्ट अटैक के बाद सुष्मिता सेन फिर से अपनी वर्कआउट जर्नी पर लौट आई हैं. पूर्व विश्व सुंदरी ने हाल ही में सिंपल स्ट्रेच करते हुए इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की है. उनकी वीडियो देखकर फैंस भी हैरान हैं. लेकिन हार्ट अटैक आने के बाद वर्कआउट कैसे शुरू किया जाना चाहिए. इस सवाल का जवाब शायद आप भी जरूर ढूंढ रहे होंगे.

एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट करते हुए बताया कि उनके कार्डियोलॉजोस्ट वर्कआउट करने की इजाजत दे दी है. इस फोटो में सुष्मिती सेन योगा व्हील पर बैक बेंड स्ट्रेच करते दिख रही हैं.

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

हार्ट अटैक के बाद फिर से वर्कआउट फिर से वर्कआउट को शुरू करने का सही तरीका क्या है, इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि धीरे-धीरे बिना किसी जल्दबाजी के वर्कआउट को शुरू करें. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रिकवर होने के पहले हफ्ते आप दिन में 5 मिनट से वर्कआउट करने की शुरूआत कर सकते हैं. उसके बाद वर्कआउट के समय को आप 10 मिनट तक बढ़ा सकते हैं.

एक्सपर्ट्स समझाते हुए कहते हैं कि अगर आप रनर हैं तो सबसे पहले सिंपल जोगिंग से शुरूआत करें. आप किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें. उनका ये भी कहना है कि वर्कआउट को खत्म करने के बाद स्ट्रेचिंग करवना बेहद जरूरी है.

एक से दो मिनट का समय बढ़ाएं

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि 10 मिनट के सिंपल वर्कआउट को शुरू करना बेहतर रहेगा. इसके बाद आप अपने वर्कआउट को रोजान 1 से 2 मिनट तक धीरे-धीरे बढ़ाएं. इसके बाद हर महीने के अंत में करीब 30 मिनट तक वॉकिंग करें. वर्कआउट के बाद खुद को कूल डाउन करना बिल्कुल भी न भूलें.

किस तरह की एक्सरसाइज करें?

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आप साइकिलिंग, स्विमिंग और रनिंग जैसी एरोबिक्स एक्सरसाइज कर सकते हैं. ये आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. स्ट्रेंथ वर्कआउट से सहनशक्ति में सुधार होता है जबकि स्ट्रेचिंग से आपकी बॉडी में लचीलेपन में सुधार होता है.