Taj – Devided By Blood : टैलेंटेड कास्ट भी नहीं बचा सकी कहानी, अगर अकबर जिंदा होता तो जरूर केस करता

Taj – Devided By Blood : टैलेंटेड कास्ट भी नहीं बचा सकी कहानी, अगर अकबर जिंदा होता तो जरूर केस करता

ताज-डिवाइडेड बाय ब्लड अकबर के परिवार में छिड़ी जंग की कहानी है. अगर आप इस वीकेंड पर ये सीरीज देखने का प्लैन बना रहे हैं, तो आपको ये सीरीज जरूर देखनी चाहिए.

वेब सीरीज : ताज डिवाइडेड बाय ब्लड निदेशक : रॉन स्कैल्पेलो, अजय सिंह, विभु पुरी, प्रशांत सिंह कलाकार : नसीरुद्दीन शाह, अदिति राव हैदरी, संध्या मृदुल, राहुल बोस, आशिम गुलाटी, ताहा शाह प्लैटफॉर्म : Zee5 रेटिंग : **1/2

ताज: डिवाइडेड बाय ब्लड, Zee5 पर स्ट्रीम हुई 10-एपिसोड की वेब सीरीज है. इस सीरीज में मुगलिया सल्तनत की कहानी बयां की गई है. 3 मार्च से लाइव हुई इस वेब सीरीज में हम अकबर (नसीरुद्दीन शाह), अनारकली (अदिति राव हैदरी), जोधा बाई (संध्या मृदुल), सलीमा सुल्तान बेगम (जरीना वहाब), मिर्जा हकीम (राहुल बोस), सलीम (आशिम गुलाटी) और मुराद (ताहा शाह) की दास्तां पेश की गई है. Zee5 पर शुरू हुई इस सीरीज को देखने से पहले ये जरूर पढ़े.

जानिए क्या है सीरीज की कहानी

सीरीज की शुरुआत होती हैं जंग से, निर्दयता से दूसरों के बच्चों को मारने का आदेश देने वाला अकबर खुद औलाद के लिए तरसता है. इस जंग के दौरान खून से लथपथ अकबर की मुलाकात एक सूफी संत शेख सलीम चिश्ती (धर्मेंद्र) से होती हैं, वो उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहते हैं कि उन्हें 3 बच्चे होंगे लेकिन कोई अपना ही उनकी हुकूमत को चेतावनी देगा. इस दौरान वो ये सलाह देते हैं कि ‘जब जब दरिया का पानी लाल होगा, मुगलिया सल्तनत का खून बहेगा.’ इस सीरीज में धर्मेंद्र का कुछ महज कुछ मिनट का ये सीन पूरी सीरीज का बेहतरीन पल था.

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सीरीज के नाम की तरह ये सीरीज अकबर के परिवार और उसके बच्चों के बीच संघर्ष पर आधारित है. सलीम, मुराद और दानियाल अकबर के 3 बेटे हैं. उनके ये 3 लड़के अपने पिता से बिलकुल अलग है. दानियाल अपने भाइयों से बिलकुल अलग है. वो जंग से खुद को दूर रखता है क्योंकि दानियाल ने खुद को अल्लाह को समर्पित किया है. पिता ने मन्नतों के बाद जिस बेटे की उम्मीद की थी तो है सलीम, जिसे अपनी जिंदगी जाम और हुस्न के बीच गुजारना असंद है. तो मुराद को हिंसा पसंद है. अपने भाइयों को नीचे दिखाना और खुद को महत्त्व देना उसकी आदत है.

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अपने बेटों में से अकबर पर अपना उत्तराधिकारी चुनने की जिम्मेदारी है. एकबार चाहता है कि वो उसी के कदमों पर चलने वाला एक ऐसा शासक बतौर उत्तराधिकारी चुनना है जो सभी लोगों को और सभी धर्मों को महत्व दे. जो सामान न्याय दे और किसी भी प्रकार का कोई समझौता न करे. यही वजह है कि अकबर ये फैसला लेता है कि अपने बेटे में से मुघलिया सल्तनत का वारिस काबिलियत देख चुना जाएगा उम्र देखकर नहीं.

आपको बता दें, अब तक कई किताबों में अकबर के बारें में काफी अच्छी बातें लिखी गईं हैं. लेकिन अकबर कोई संत नहीं था. इस सीरीज में अकबर की इस जिंदगी के बारें में भी काफी खुलासे किए हैं. लेकिन क्या शेख सलीम चिश्ती की ‘आपको खतरा उन्हें से जिनसे खतरें की उम्मीद सबसे कम हो’ ये चेतावनी सच होगी या नहीं और ये चीजें अनारकली-सलीम की प्रेम कहानी के साथ कैसे जुडी हुई है ये देखने के लिए zee5 की वेब सीरीज ताज डिवाइडेड बाय ब्लड देखनी होगी.

कलाकारों की एक्टिंग और निर्देशन

इस सीरीज में हमें कुछ कलाकारों की कमाल ली एक्टिंग देखने मिलती हैं. अकबर की भूमिका निभाने वाले नसीरुद्दीन शाह, जोधा बाई के रूप में संध्या मृदुल, सलीमा सुल्तान बेगम के रूप में जरीना वहाब और मिर्जा हकीम के रूप में राहुल बोस हमेशा की तरह अपनी लाजवाब एक्टिंग करते हुए सीरीज को मनोरंजक और दिलचस्प बनाने की कोशिश करते हैं. सीरीज में सलीम के रूप में आशिम गुलाटी और मुराद के रूप में ताहा शाह इन टैलेंटेड कलाकारों के सामने अपने भूमिका को न्याय देने का प्रयास कर तो रहे हैं लेकिन पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाए हैं. अनारकली के किरदार में अदिति राव कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाती. ये तीनों कलाकार ज्यादातर बॉलीवुड के मशहूर फिल्मों के किरदारों की नकल करते हुए नजर आते हैं. निर्देशक की कल्पनाशक्ति तो काफी अच्छी है लेकिन फिर भी इस सीरीज में काफी कुछ मिसिंग है.

जानिए क्यों देखे और क्यों न देखे

जिन्हें कॉन्ट्यूम ड्रामा पसंद है उनके लिए ये सीरीज सही है. अगर वीकेंड पर आपके पास कोई और प्लान नहीं है, तो आप ये सीरीज जरूर देख सकते हैं. ये सीरीज सच्चाई से कोसो दूर है. क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर कल्पनाशक्ति का इस तरह से इस्तमाल किया गया है कि ये एक फैंटसी कहानी लगती है. एक सीरीज एक अच्छी और दिलचस्प ऐतिहासिक सीरीज हो सकती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है.