पेट्रोल-डीजल या इलेक्ट्रिक भूल जाओ जनाब, अब ऐसे दौड़ेंगी आपकी गाड़ियां, ये है प्लान

पेट्रोल-डीजल या इलेक्ट्रिक भूल जाओ जनाब, अब ऐसे दौड़ेंगी आपकी गाड़ियां, ये है प्लान

देश के पेट्रोल-डीजल इंपोर्ट बिल को घटाने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को पॉपुलर बनाने का काम भी चल रहा है. पर क्या आप जानते हैं कि सरकार ऐसी प्लानिंग भी कर रही है, जो इन तीनों की फ्यूल ऑप्शन से हटकर होगा.

पेट्रोल-डीजल से गाड़ियां चलाने के बाद हो सकता है आपने इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक या कार भी ट्राई की हो. मोदी सरकार (Modi Govt.) देश के पेट्रोल-डीजल इंपोर्ट बिल को लगातार कम करने की कोशिशों में लगी है. तभी तो अलग-अलग ईंधन ऑप्शन पर काम कर रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल को पॉपुलर बनाने के लिए जहां FAME जैसी स्कीम लाई है. वहीं ऑटोमोबाइल कंपनियों को फ्लैक्स इंजन वाली गाड़ियां लॉन्च करने के लिए कहा है. और ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए एक नेशनल मिशन भी बनाया हुआ है. जल्द ही देश में दो और नए ईंधन ऑप्शन उपलब्ध होंगे जिससे आपकी गाड़ियां सरपट भागेंगी.

मोदी सरकार ने अब इथेनॉल की सफलता को कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) में दोहराना चाहती है. इसके लिए सरकार पूंजीगत मदद भी मुहैया कराएगी, जिससे देश में गैस की पाइपलाइन बिछायी जाएंगी, बायोमास एग्रीगेशन पर काम किया जाएगा. साथ ही नेचुरल गैस मार्केटर्स को 2027 तक 5 प्रतिशत बायोगैस ब्लेंड करने के लिए कहा जाएगा.

इथेनॉल में पाई देश ने सफलता

पेट्रोलियम उत्पादों में इथेनॉल की ब्लेंडिंग को लेकर मोदी सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है. साल 2013-14 में जहां पेट्रोलियम उत्पादों में मात्र 1.5 प्रतिशत इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी. वहीं 2021-22 में इसका औसत 10 प्रतिशत हो गया है.

इसके लिए मोदी सरकार ने बाकायदा एक नीति बनाई और बाजार में हस्तक्षेप किया. इससे नई सप्लाई चेन के लिए निवेश बढ़ा. वहीं सरकार ने सुनिश्चित किया कि इथेनॉल का पूरा उत्पादन खप जाए. अब सरकार इसी तरह की एक नीति कंप्रेस्ड बायोगैस के लिए भी लाने की सोच रही है.

मंत्रालय कर रहा प्रस्ताव तैयार

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस नीति को लाने के लिए एक कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इसका मकसद बायोगैस की आपूर्ति को बढ़ावा देना है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से ईटी ने खबर दी है कि इस नीति के माध्यम से सरकार गैस पाइपलाइन डालने पर भी विचार करेगी. ताकि बायोगैस का इवेक्यूएशन आसानी से हो सके और ग्राहकों तक आसान पहुंच बनाई जा सके.

सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वह सिटी गैस प्लेयर्स को 2023 के अंत तक 1 प्रतिशत बायोगैस ब्लेंड करने के लिए कहेगा. वहीं 2024 तक इसे बढ़ाकर 3 प्रतिशत और 2027 तक 5 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.

देश में अभी 37 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट हैं. ये बहुत कम मात्रा में बायोगैस का उत्पादन करते हैं. वहीं इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और गेल ने और अधिक बायोगैस प्लांट बनाने के लिए 3,800 से ज्यादा लेटर ऑफ इंटेंट (LoIs) जारी कर दिए हैं. इसका आशय ये है कि पेट्रोलियम कंपनियां इन कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर हर दिन करीब 25,000 टन सीबीजी की खरीद करेंगी.