49 दिन चली थी पहली सरकार, 49 दिन में हुई रिहाई… कहानी ‘AK-49’ की

49 दिन चली थी पहली सरकार, 49 दिन में हुई रिहाई… कहानी ‘AK-49’ की

लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट के आदेश के अनुसार केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से रिहा हो गए हैं. दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. करीब 10 दिनों तक ईडी की कस्टडी में रहने के बाद कोर्ट ने 1 अप्रैल को केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था. जिसके बाद अब 49 दिन में केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं. केजरीवाल की रिहाई से याद आया कि उनकी पहली सरकार भी मात्र 49 दिन चली थी. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2021-22 के लिए राजधानी में नई आबकारी नीति लागू की थी. नीति के लागू होने के बाद इस पर सवाल उठे और फिर उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद ईडी ने 17 अगस्त, 2022 को दर्ज की गई सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद आबकारी नीति को भी रद्द कर दिया गया.

कई नेताओं पर कसा शिकंजा

पिछले करीब दो साल तक ईडी मामले की जांच करती रही और कई नेताओं को समन जारी कर पूछताछ भी करती रही. इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम से लेकर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी जेल जाना पड़ा. हालांकि, संजय सिंह को तो जमानत मिल गई है, लेकिन मनीष सिसोदिया अभी तिहाड़ जेल में ही बंद हैं. तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के.कविता अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं.

2 नवंबर से शुरू हुई उल्टी गिनती

शराब घोटाला मामले की जांच में अहम मोड़ तब आया जब ईडी ने 2 नवंबर, 2023 को केजरीवाल को पहला समन भेजा. ईडी के समन पर केजरीवाल पेश नहीं हुए. इसके बाद ईडी की ओर से कुल 9 समन भेजे गए, लेकिन केजरीवाल पूछताछ के लिए एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. इस बीच चुनाव आयोग ने 16 मार्च को देश में आम चुनाव का ऐलान भी कर दिया. चुनाव ऐलान के ठीक पांच दिन बांद यानी 21 मार्च को ईडी के अधिकारी 10वां समन लेकर केजरीवाल के घर पहुंच गए. घर की तलाशी लेने के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.

अब 49 दिन बाद हुई रिहाई

इसके बाद 22 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया. जहां से, कोर्ट ने 6 दिन के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया. 28 मार्च को कोर्ट ने 1 अप्रैल तक ईडी की कस्टडी बढ़ा दी. इसके बाद कोर्ट ने 15 दिनों के लिए केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद केजरीवाल की हिरासत बढ़ती रही. कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी और गिरफ्तारी के 49 दिन में केजरीवाल जेल से रिहा हो गए. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम के 1 जून तक ही राहत दी है. 2 जून को केजरीवाल को फिर से सरेंडर करना होगा.

49 दिन चली थी केजरीवाल की पहली सरकार

अब केजरीवाल की पहली 49 दिनों की सरकार की भी बात कर लेते हैं. अन्ना आंदोलन के जरिए देश की सियासत में कदम रखने वाले केजरीवाल ने 28 दिसंबर 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन जन लोकपाल बिल पर कांग्रेस और बीजेपी के विरोध में एक हो जाने पर केजरीवाल ने 14 फरवरी 2014 को नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसलिए क्योंकि केजरीवाल ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी.

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजधानी की 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस के खाते में 8 सीटें गई थीं. वहीं, बीजेपी के हिस्से 32 सीटें आईं थीं. इस तरह से देखें तो केजरीवाल की पहली सरकार 49 दिन चली थी और अब इतने ही दिन में वो जेल से रिहा भी हुए हैं.