जम्मू-कश्मीर: जमात के उम्मीदवारों के साथ इंजीनियर राशिद की एआईपी का गठबंधन, साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर: जमात के उम्मीदवारों के साथ इंजीनियर राशिद की एआईपी का गठबंधन,  साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

इजीनियर राशिद की एआईपी और जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) ने जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर लिया है. दोनों ही पक्षों के बीच सूबे की आवाम के हित में मिलकर काम करने पर सहमति बनी, दोनों ही पक्षों के लोग एक दूसरे के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे.

जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए लोकसभा सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर राशिद के नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के पूर्व सदस्यों ने गठबंधन कर लिया है. सूबे में ये गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है. एआईपी के बयान के मुताबिक रविवार 15 सितंबर को दोनों दलों के बीच एक संयुक्त बैठक हुई, जिसके बाद ये फैसला लिया गया.

इस संयुक्त बैठक में एआईपी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने किया, वहीं जेईआई के पूर्व सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गुलाम कादिर वानी ने किया. इस दौरान जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे चुनाव को लेकर बातचीत हुई. जिसके बाद गठबंधन पर सहमति बनी.

आवाम के हित में काम करने पर बनी सहमति

अवामी इत्तेहाद पार्टी के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्ष क्षेत्र की आवाम के व्यापक हित में मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का मकसद एआईपी और जेईआई समर्थित उम्मीदवारों के लिए शानदार जीत हासिल करना है, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास मजबूत प्रतिनिधि हों, जो उनकी भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त कर सकें.

एक-दूसरे के उम्मीदवारों का करेंगे समर्थन

उन्होंने कहा कि बैठक में दोनों पक्षों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के बाद ये सहमति बनी कि एआईपी कुलगाम और पुलवामा में जेईआई समर्थित उम्मीदवारों का समर्थन करेगी और उनका साथ देगी. वहीं जेईआई के पूर्व सदस्य पूरे कश्मीर में एआईपी उम्मीदवारों को चुनाव में अपना समर्थन देंगे.

उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में एआईपी और जेईआई के पूर्व सदस्य चुनाव मैदान में हैं, वहां गठबंधन ने ‘दोस्ताना मुकाबले’ के लिए सहमति जताई है, खासकर लंगेट, देवसर और जैनापोरा जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में जहां दोनों ही पक्षों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं. प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों के लिहाज से आपसी सहयोग बढ़ाया जाएगा. बैठक में दोनों पक्षों ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने और क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

जमात-ए-इस्लामी के कई नेता लड़ रहे चुनाव

जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था. इस साल फरवरी में प्रतिबंध को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया था. जमात के कई बड़े नेता विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं. इन दिनों सभी नेता जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं. चुनाव से पहले हुए दोनों पक्षों के इस गठबंधन से तमाम राजनीतिक दलों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

3 चरणों में होगा मतदान

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होने जा रहा है. 10 सालों बाद हो रहे इस चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हैं. राजनीतिक दलों के साथ ही सूबे का आवाम भी काफी उत्साहित है. धारा 370 हटने के बाद हो रहे ये चुनाव बीजेपी के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है. इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को, दूसरे चरण में 25 सितंबर को और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर मतदान होंगे. वहीं 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.