आवक ज्यादा, बिक्री कम … परेशान हैं प्याज की खेती करने वाले किसान, क्या है इनकी मांग?

मध्य प्रदेश में पिछले सप्ताह से हो रही लगातार बारिश से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है. किसानों को मंडी में प्याज के बेहद कम दाम मिल रहे हैं. किसानों ने सरकार से 24 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदने की मांग की है.
मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है. भारी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. प्याज की फसल को बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है, वहीं मंडी में भी प्याज का रेट काफी कम मिल रहा है. मंडी में प्याज की आवक ज़्यादा हो गई है, लेकिन उस हिसाब से बिक्री कम हो रही है.
उज्जैन के किसानों का कहना है कि फसलों को मंडी तक लाने का किराया भी नहीं मिल रहा है. संयुक्त कृषक संगठन की मांग है कि सरकार 24 रुपए प्रति किलो पर प्याज की खरीदारी करे. संगठन के जिलाध्यक्ष संदीप पाटीदार के मुताबिक, मंडी में प्याज का रेट काफी है, जबकि इसकी पैदावार की लागत की लगभग 12 से 15 रुपए प्रति किलो है. प्याज के दाम ठीक से न मिलने पर किसान काफी परेशान हैं. प्याज की खरीदी समर्थन मूल्य पर होनी चाहिए.
बारिश से खुले में पड़ी प्याज खराब हो रही
किसानों का कहना है कि खराब मौसम ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं. बारिश से खुले में पड़ी प्याज खराब हो रही है. करीब एक हफ्ते से जारी बारिश की वजह से और दाम गिर गए हैं. उज्जैन के कृषि उपज मंडी में प्याज लेकर पहुंचे किसान कैलाश पाटीदार का कहना है कि 70 किलोमीटर दूर से ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा लगाकर मंडी में फसल बेचने आए थे. आज की नीलामी में उनकी फसल 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल ही बिकी है, जिससे स्थिति कुछ ऐसी बन गई है कि फसल बेचने के बाद घर जाने का भाड़ा भी नहीं बचा.
फसल स्टोर करने की भी समस्या
किसानों का कहना है कि अगर प्याज इसी दाम में बिकती रही तो फसल के लिए लिया गया कर्ज हम कैसे चुका पाएंगे. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. अगर वो फसल स्टोर करके रखना भी चाहें तो वह नहीं रख सकते. क्योंकि उनके पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है. अगर किसी प्राइवेट स्टोरेज में प्याज को रखें तो लागत बढ़ जाएगी.