अटल सरकार को एक वोट से गिराने वाले गमांग थामेंगे कांग्रेस का हाथ

अटल सरकार को एक वोट से गिराने वाले गमांग थामेंगे कांग्रेस का हाथ

गिरधर गमांग ने 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिराने में बड़ी भूमिका निभाई थी. मुख्यमंत्री रहते हुए सरकार के खिलाफ वोट दिया था और वाजपेयी की सरकार गिर गई थी. अब गिरधर गमांग फिर से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. उनकी पत्नी पूर्व सांसद हेमा गमांग भी कांग्रेस में शामिल होंगी. गिरधर गमांग उड़ीसा में कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे. साल 1998 में कांग्रेस से मुख्यमंत्री बने थे. बाद में भाजपा में शामिल हुए. 2023 में भाजपा से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर आज कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. गिरधर गमांग ने 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिराने में बड़ी भूमिका निभाई थी. मुख्यमंत्री रहते हुए संसद में वाजपेयी की सरकार के खिलाफ वोट दिया था और इस एक वोट से 13 महीने की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई थी.

सूत्रों के अनुसार 2015 में कांग्रेस छोड़ने वाले 80 वर्षीय ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग के अपनी पत्नी और बेटे के साथ फिर से कांग्रेस में शामिल होने की उम्मीद है.

नौ बार कोरापुट सांसद रहे हैं गिरधर गमांग

गमांग 1972 से 2004 के बीच नौ बार कोरापुट लोकसभा सांसद रहे थे. साल 2015 में कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे. उन्होंने पिछले साल जनवरी में भाजपा छोड़ दी और कुछ दिनों बाद के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति में शामिल हो गए.

गिरिधर गमांग और उनके बेटे शिशिर के बीआरएस से बाहर होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. शनिवार को शिशिर गमांग ने कांग्रेस नेता अजय बोस के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की. ओडिशा कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि गिरिधर गमांग, पत्नी हेमा और बेटे शिशिर के बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है.

वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में दिया था वोट

गिरिधर गमांग ने मई 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में विवादास्पद रूप से मतदान किया था, हालांकि वह ओडिशा के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने फरवरी 1999 में सीएम के रूप में पदभार संभाला था, लेकिन अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा नहीं दिया था.

बता दें कि उस समय बीजेपी ने पहली बार केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी और बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र 13 महीने में ही गिर गई थी. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद वाजपेयी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.

उस समय हुए विश्वास मत के जब रिजल्ट आए थे तो अटल बिहारी वाजपेयी के पक्ष में 269 मत पड़े थे, उनके खिलाफ 270 मत पड़े थे और वाजपेयी की 13 महीने की सरकार का पतन हो गया था. लेकिन साल 2015 में गिरधर गमांग ने कांग्रेस छोड़ दी थी.

वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. उस समय कांग्रेस छोड़ने के समय सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा था. उसमें उन्होंने लिखा था कि लोग 1999 में उन्हें अटल सरकार वाजपेयी को गिराने का जिम्मेदार मानते हैं, लेकिन कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया था.