कर्ज में डूबता राज्य, झूठ बोलती सरकार! कांग्रेस का तंज, ‘गुजरात मॉडल’ महज एक छलावा

कर्ज में डूबता राज्य, झूठ बोलती सरकार! कांग्रेस का तंज, ‘गुजरात मॉडल’ महज एक छलावा

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार खुलेआम विधानसभा में झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा, अब सवाल उठता है कि अगर 'गुजरात मॉडल' इतना ही सफल था, तो राज्य कर्ज के दलदल में क्यों धंसता जा रहा है? आखिर यह पैसा गया कहां, क्या यह गिने-चुने उद्योगपतियों की जेब में गया?

कांग्रेस ने गुजरात सरकार द्वारा पेश किए गए बजट का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ‘गुजरात मॉडल’ सिर्फ एक छलावा है और झूठे आंकड़े पेश करना सत्तारूढ़ दल की राजनीति का हिस्सा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि गुजरात पर आज के समय में करीब पांच लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन राज्य की बीजेपी सरकार इसे कम करके बता रही है.

गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने बीते गुरुवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3.70 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था. इसमें 148 करोड़ रुपए की टैक्स राहत दी गई है.

गुजरात मॉडल असल में सिर्फ एक छलावा

जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, बीजेपी का गुजरात मॉडल’ असल में सिर्फ एक छलावा है. हाल ही में पेश हुए राज्य के बजट में गुजरात सरकार ने बताया कि राज्य पर तीन लाख 76 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. लेकिन संसद में पेश रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात पर असल में करीब 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है. यानी पूरे साल के बजट से भी ज्यादा.

खुलेआम विधानसभा में झूठ बोल रही गुजरात सरकार

उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार खुलेआम विधानसभा में झूठ बोल रही है. रमेश ने सवाल किया, अब सवाल उठता है, अगर ‘गुजरात मॉडल’ इतना ही सफल था, तो राज्य कर्ज के दलदल में क्यों धंसता जा रहा है? आखिर यह पैसा गया कहां, क्या यह गिने-चुने उद्योगपतियों की जेब में गया?

जनता को कोई आर्थिक राहत नहीं मिली

उन्होंने दावा किया कि राज्य में कोई कल्याणकारी योजना नहीं चल रही, जनता को कोई आर्थिक राहत नहीं मिल रही, बुनियादी सुविधाओं में कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ. कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि तो फिर यह पैसा गया कहां? उन्होंने कहा कि गलत आंकड़े पेश करना, जनता को गुमराह करना और हर मंच पर झूठे दावों का प्रचार करना बीजेपी सरकार की राजनीति का हिस्सा बन चुका है. लेकिन सच को कब तक छिपाया जा सकता है?