फैलता गया अडानी का व्यापार, 2014 से 2023 के बीच ऐसे बढ़ी संपत्ति
अडानी ग्रुप के तेजी से बढ़ते कारोबार पर संसद में काफी गरमागरम बहस देखने को मिली. विपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से सरकार को घेरा गया. पर क्या आप जानते हैं कि गौतम अडानी का कारोबार 2014 से 2023 के बीच कैसे बढ़ता गया?
गौतम अडानी का कारोबार बीते 9 साल में तेजी से बढ़ा है. मुख्य तौर पर पोर्ट सेगमेंट में काम करने वाले अडानी ग्रुप ने अलग-अलग सेक्टर में अपना इंवेस्टमेंट बढ़ाया है और अब यह एयरपोर्ट, गैस डिस्ट्रीब्यूशन, ग्रीन एनर्जी और सीमेंट जैसे कई सेक्टर की प्रमुख कंपनी बन चुकी है. आखिर अडानी की ग्रोथ इतनी तेजी से कैसे हुई और कंपनी ने 2014 से 2023 के बीच कौन-कौन सी कंपनियों को खरीदा…
उद्योगपति गौतम अडानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. इसकी एक वजह दोनों का एक ही राज्य से संबंद्ध होना है. ऐसे में अडानी समूह की तेजी से हुई इस ग्रोथ को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर बनी हुई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संबंध में सरकार पर जमकर हमला बोला है.
साल दर साल ऐसे बढ़ा अडानी का कारोबार
गौतम अडानी की ग्रोथ को समझने के लिए हम 2014 से 2023 के बीच आंकड़ों को साल दर साल के आधार पर देखेंगे.
- साल 2014 से अडानी ग्रुप के पोर्ट बिजनेस ने ग्रोथ दर्ज करना शुरू किया. समूह ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट का अधिग्रहण किया.
- साल 2015 में Adani Power ने मुंद्रा में देश का सबसे बड़ा प्राइवेट ताप बिजली संयंत्र लगाया था.
- साल 2016 में अडानी ग्रुप डिफेंस सेक्टर में उतर गया. अडानी डिफेंस एंड एरोस्पेस डिविजन स्थापना हुई. ये कंपनी देश में ड्रोन बनाने का काम करती है.
- साल 2017 में अडानी ग्रुप ने ओडिशा के धर्मा पोर्ट का अधिग्रहण किया.
- साल 2018 में अडानी समूह ने अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी बनाई. इसका मकसद रीन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में मौजूद संभावनाओं से पैसा कमाना रहा.
- साल 2019 में अडानी ग्रुप ने देश के प्रमुख एयरपोर्ट के संचालन का जिम्मा हासिल किया. साथ ही मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली.
- साल 2020 में अडानी ग्रुप ने अगले 5 साल में रीन्यूएबल एनर्जी 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना बताई थी.
- साल 2021 में अडानी समूह डाटा सेंटर के सेक्टर में भी उतर गया. इसके लिए ग्रुप ने GPX Global System में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली.
- साल 2022 में अडानी ग्रुप ने कृष्णापटनम पोर्ट कंपनी में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल कर ली. इसी के साथ सीमेंट सेक्टर में होलसिम के भारतीय कारोबार को खरीद लिया. इसका फायदा ये हुआ कि समूह के पास अंबुजा और एसीसी सीमेंट जैसी कंपनियां आ गईं. अडानी सीमेंट अभी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है.