भविष्य में स्पेस की सुरक्षा अहम, हमें चाहिए होगा वेपन सिस्टम, बोले IAF चीफ
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बताया कि आने वाले समय में हमारे देश को स्पेस आधारित वेपन सिस्टम की जरूरत पड़ेगी.
नई दिल्ली : आने वाले दिनों में सेना की आमने-सामने की लाड़ई देखने को नहीं मिलेगी. बल्कि युद्ध का पूरा पैटर्न बदला हुआ देगा. एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर पहले ही आगह कर चुके हैं आने वाला समय स्पेस वॉर का होगा. कई विकसित देशों ने इस तकनीक पर काम करना शुरु कर दिया है. वहीं भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बयान जारी कहा कि आने वाले समय भारत को लेटेस्ट वेपन की जरुरत होगी.
IAF चीफ ने बताया कि दुनिया के कई विकसित देश अंतरिक्ष डोमेन का प्रभावी ढंग से लागू करने मे लगे हुए है. उनके अनुसार चीन जैसे देश ICR तकनीक यानी अंतरिक्ष के जारिए जवाबी हमले करने की तैयारी कर रहे है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन अंतरिक्ष में तकनीक विकसित कर रहा है, जिसको देखकर अमेरिका भी डरा हुआ है.
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भारत को ‘एयरोस्पेस पावर’ की दिशा में बढ़ना होगा
हाल में ही भारत के चीफ ऑफ डिफेंस ने चीन के अपने समकक्ष के साथ मुलाकात की थी. एक सेमिनार में एयर चीफ मार्शल चौधरी ने बताया कि भारत को मिशन शक्ति की दिशा में तेजी से बढ़ना चाहिए. बता दें कि एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) इंटरसेप्टर मिसाइल का प्रयोग माइक्रोसैट-आर उपग्रह को खत्म करने के लिए किया गया था.
अमेरिका और फ्रांस का जिक्र करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि इंडियन एयर फोर्स को ‘एयर पावर’ से ‘एयरोस्पेस पावर’ की दिशा में बढ़ना होगा.चीन ने पिछले कुछ सालों में अपने सैटेलाइट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की है. उसके पास 700 से अधिक सैटेलाइन ऑपरेशनल हैं. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत ते पास कोई अपना एयरोस्पेस सिस्टम नहीं है.
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