महंगाई, भुखमरी, कंगाली का छाया कोहराम, ऐसे बद से बदतर और बदहाल हुआ पाकिस्तान
असल में पाकिस्तान में इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है वहां की कट्टरपंथ सोच, राजनीति उठा पटक, गलत नीतियां और आतंकवाद की सप्लाई जैसे वजहें जिम्मेदार है.
Pakistan Crisis: 30 नवंबर 2021 पाकिस्तान द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार की हालत सुधार के लिए सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट (एसएफडी) से $3 बिलियन 4% के बायज़ दर पर एक एक समझौते करता है. पहले पाकिस्तान अपने को आर्थिक संकट से उबरने के लिए कई संस्थान और देशों से सहायता मांगता रहा है जिसमें यूएई, चीन अमेरिका शामिल हैं.
असल में पाकिस्तान में इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है वहां की कट्टरपंथ सोच, राजनीति उठा पटक, गलत नीतियां और आतंकवाद की सप्लाई जैसे वजहें जिम्मेदार है.
जहां पाकिस्तान की औसत महंगाई दर 38.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है और अगले साल यह 50 प्रतिशत तक के स्तर पर पहुंच सकती है. लोगों को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो चुका है. पिछले सप्ताल में पेट्रोल की कीमतों में 8.82 फीसदी, पांच लीटर खाना पकाने के तेल में 8.65 फीसदी, एक किलो घी में 8.02 फीसदी, चिकन की कीमत में 7.49 फीसदी और डीजल की कीमतों में 6.49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं टमाटर की कीमत सप्ताह के दौरान 14.27 फीसदी की गिरावट हुई है. प्याज के दाम में 13.48 फीसदी की कमी आई है. इसके अलावा अंडे के दाम 4.24 फीसदी, आटे की कीमत 0.1 फीसदी और लहसुन के दाम 2.1 फीसदी घटे हैं.
पाकिस्तान की मजबूरी था नये टैक्स को लगाना और बढ़ाना क्योंकि ये टैक्स इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की शर्तों थी. नकदी संकट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने IMF से 7 अरब डॉलर का राहत पैकेज पाने के लिए एक समझौता किया है. इस समझौते के तहत IMF ने 1.1 अरब डॉलर की पहली किस्त देने से पहले पाकिस्तान के सामने टैक्स में बढ़ोतरी जैसी कई शर्तें सामने रखी हैं.
महंगाई के बेकाबू होने की वजह से आम लोग अपने खाने-पीने के सामानों में भी कटौती कर रहे हैं. लोगों ने अपनी पसंद के खाद्य पदार्थों में भी बदलाव किया है. आम लोगों ने महंगे खाद्य पदार्थों, जैसे, पनीर, फल, दूध आदि खाना या तो बंद कर दिया है या कम कर दिया है. छोटे कारोबारियों की हालत बद से बदतर हो गई है.
पाकिस्तानी मीडिया भी सरकार को बदहाली पर घेर रहा है, पाकिस्तान के दिग्गज पत्रकार बिलाल लखानी ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में लिखा है कि जब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर बढ़ रही है, तब पाकिस्तान IMF से भीख मांग रहा है.’
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने ख्वाजा आसिफ ने ख़ुद ये कबूल किया है कि पाकिस्तान डिफॉल्ट नहीं हो रहा, बल्कि डिफॉल्ट हो चुका है. हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं. उन्होंने इमरान खान को आतंकवाद की सबसे बड़ी वजह बताते हुआ कहा कि पाकिस्तान में इमरान ख़ान की वजह से आतंकवाद फिर से लौट रहा है. इमरान खान ने ऐसा खेल खेला है कि आतंकवाद हमारा मुकद्दर बन गया है. मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम एक दिवालिया देश के निवासी हैं.
उधर शरीफ परिवार में बड़ी फूट पड़ती दिखाई दे रही है. शरीफ परिवार की सत्ताधारी पार्टी PML(N) फूट से मुल्क में एक बार फिर से राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है. पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने अपने ही चाचा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है.
कोविड महामारी और रुस यूक्रेन युद्ध के कारण भी पाकिस्तान को दूसरे देशों से सपोर्ट भी नहीं मिल पा रहा है. चाइना , जो इन संकटग्रस्त दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का एक प्रमुख समर्थक थी, स्वयं महामारी और लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में रही है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की लोन देने की शर्तें तो वैसे ही इतनी हावी है, जिन्हें जो राजनीतिक हालत और बढ़ाएं हैं उनको देखते हुए हासिल करना मुश्किल है. कुल मिलाकर, आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और वहां के लोगों के लिए बहुत कठिन समय है और ये मुश्किलें समय के साथ बढ़ें वाली है . पाकिस्तान के पास IMF से लोन लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जो वह कर रही है पर IMF उधार सरकारी खर्च पर प्रतिबंध लगाएगा जो वहाँ की जानता के लिए और अधिक कठिनाइयों का कारण बन सकता है.