तेलंगाना के बाहर KCR की पार्टी की पहली रैली, बोले- आजादी के 75 साल बाद में कई जगह पानी और बिजली नहीं
केसीआर ने कहा कि 'अबकी बार किसान सरकार', अब हमें राष्ट्रीय स्तर पर जाना है. अब एक बड़ा परिवर्तन होना चाहिए. कई लोग आते हैं और लंबा-लंबा भाषण दे कर चले जाते हैं.
भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आज यानी रविवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ में बड़ी रैली की. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि TRS राज्य तेलंगाना तक सिमित था लेकिन देश की हालत समझने के बाद हमने फैसला किया है की हमें राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करना होगा इसलिए हमने BRS की स्थापना किया है, उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश के आजाद हुए 75 साल हो गए है.
आज देश में न पिने को पानी मिलता है न सिचाई को पानी मिलता है क्या यह नहीं दिया जा सकता है ? हमें समझ के न समझ नहीं रहना चाहिए समझ आया तो एकजुट होकर रहना चाहिए.आत्महत्या कोई भी इंसान कब करता है जब सभी रास्ते बंद होने के बाद मजबूरी की परिस्थति में आत्महत्या करता है. देश को अन्नदान देने वाला अन्नदाता देश को जीव दान देने वाला क्यों मजबूर है आत्महत्या के लिए यह सोचने की बात है इससे बुरा क्या हो सकता है.
‘अबकी बार किसान की सरकार’
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में किसी पार्टी ने कहा है अबकी बार किसान की सरकार. जो लोग बात को समझते है उन्हें बात को फैलाना चाहिए. भारत बुद्धिजीवी का देश है बुद्धू का नहीं है. आज वक्त आया है किसान हो गया बहुत हो गया इंतजार. कलम चलाना कानून बनाना भी सीखना चाहिए, भारत गरीब देश बिलकुल नहीं है. उन्होंने 10 दिन के भीतर, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस)के वाहन महाराष्ट्र के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में किसान समिति बनाने के लिए जाएंगे.
‘हम बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर रहे हैं’
बीआरएस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत में मालगाड़ी की औसत गति 24 किलोमीटर प्रति घंटे है, जो चीन में मालगाड़ी की औसत गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे के मुकाबले काफी कम है.मुख्यमंत्री राव ने यह भी कहा कि भारत के पास 361 अरब टन कोयला भंडार है, जो अगले 125 वर्षों के लिए देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है.उन्होंने कहा, फिर भी हम बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर रहे हैं.
देश में किसानों की संख्या 42 फीसदी से अधिक है
उन्होंने कहा, “अगर हम एकजुट हो जाएं तो यह असंभव नहीं है.हमारे देश में किसानों की संख्या 42 फीसदी से अधिक है और अगर इसमें खेतिहर मजदूरों की संख्या भी जोड़ दी जाए तो यह 50 फीसदी से अधिक हो जाएगी जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है.” उन्होंने कहा आज समय आ गया है. 75 साल एक लंबी अवधि है, किसानों को भी लिखने और नियम बनाने में सक्षम होना चाहिए.