महाकुंभ: ट्रैफिक जाम से प्रयागराज में दवाओं की आपूर्ति पर असर, 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
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प्रयागराज शहर से जिले के 3500 से अधिक मेडिकल स्टोर्स में दवाओं की सप्लाई होती है. थोक बाजार में दवाओं की कमी का सीधा असर इन फुटकर मेडिकल स्टोर्स पर भी पड़ा है. प्रयागराज शहर में 1800 मेडिकल स्टोर्स हैं. थोक दुकानों में दवाएं न आने से फुटकर दवाओं के मेडिकल स्टोर्स भी प्रभावित हो रहे हैं.
प्रयागराज में संगम किनारे लगे आस्था और अध्यात्म के जन समागम महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. पावन त्रिवेणी के जल में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ आ रही इस भीड़ से शहर के अंदर और बाहर ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. स्थिति ऐसी बन गई है कि शहर में जरूरी दवाओं की आपूर्ति का संकट भी खड़ा होने की संभावना है. दवा कारोबारियों के मुताबिक, उनका कारोबार करोड़ों के घाटे में चला गया है.
प्रयागराज महाकुंभ में पुण्य की डुबकी के लिए उमड़ रही भीड़ से बनी ट्रैफिक जाम की स्थिति से शहर में दवा का कारोबार डूबने लगा है. जिले के बॉर्डर पर दवाओं की आपूर्ति करने वाली गाड़ियां रोक दी गई हैं, जिससे आवश्यक दवाओं की आपूर्ति थोक बाजार में नहीं हो पा रही है. केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट थोक बाजार के प्रयागराज के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि जिले भर की फुटकर दुकानों और अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली कई श्रेणी की दवाओं की आपूर्ति ट्रैफिक की समस्या की वजह से नहीं हो पा रही है.
एक महीने में 100 करोड़ का नुकसान
अनिल दुबे के मुताबिक, दवाओं से भरे ट्रक शहर के अंदर दाखिल नहीं हो पा रहे हैं. ट्रांसपोर्ट नगर तक ट्रकों के न पहुंचने से दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे एक महीने में लगभग 100 करोड़ से अधिक का नुकसान थोक दवा बाजार को हुआ है. प्रशासन से व्यापारी बार बार इसके लिए अपील कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इसका कोई रास्ता नहीं निकला है.
3500 मेडिकल स्टोर्स पर होती है दवाओं की सप्लाई
प्रयागराज शहर से जिले के 3500 से अधिक मेडिकल स्टोर्स में दवाओं की सप्लाई होती है. थोक बाजार में दवाओं की कमी का सीधा असर इन फुटकर मेडिकल स्टोर्स पर भी पड़ा है. जिले के फुटकर दवाओं के मेडिकल स्टोर्स के अध्यक्ष लालू मित्तल का कहना है कि प्रयागराज शहर में अकेले 1800 मेडिकल स्टोर्स हैं. थोक दुकानों में दवाएं न आने से फुटकर दवाओं के मेडिकल स्टोर्स भी प्रभावित हो रहे हैं. लालू मित्तल के मुताबिक, प्रतिदिन 3 करोड़ से अधिक का नुकसान फुटकर दवा विक्रेताओं को हो रहा है. लालू मित्तल का कहना है कि जिन दवाओं का सबसे अधिक संकट है उसमें बीपी, शुगर, हार्ट और कफ सीरप शामिल हैं.
दवाओं की होम डिलीवरी भी प्रभावित
महाकुंभ की वजह से प्रयागराज की सीमाओं पर बंद ट्रैफिक के दबाव से दवाओं के आपूर्ति का एक और विकल्प ऑनलाइन होम डिलीवरी भी प्रभावित हुई है. दवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कंपनियों को डिलीवरी बॉय सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं. होम डिलीवरी देने वाले लड़के अपनी बाइक से महाकुंभ के यात्रियों को अपनी सेवाएं देकर अधिक पैसे कमाने में लगे हैं. इसकी वजह से दवाओं की होम डिलीवरी सेवा भी लगभग ठप्प हो चुकी है.