‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में नौकरशाहों की तैनाती पर रार, खड़गे ने PM मोदी को लिखा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बाबत प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नौकरशाही का राजनीतिकरण का आरोप लगाया है औऱ इस आदेश को वापस लेने की गुजारिश की है. उन्होंने इस बात का आरोप लगाया है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह सबकुछ किया जा रहा है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक फरमान से विपक्ष हलकान है. दरअसल केंद्र सरकार ने सभी अधिकारियों को केंद्र के कामकाज को प्रचारित प्रसारित करने के लिए तमाम तक के दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके बाद से विपक्ष के निशाने पर केन्द्र सरकार है.
केंद्र सरकार के नए फरमान के बाद कांग्रेस के नौकरशाही का राजनीतिकरण का आरोप लगा दिया है. इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है.
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क्या है केंद्र का फरमान
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के द्वारा एक दिशानिर्देश जारी किया गया है. इसमें देश में 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले प्रत्येक 765 जिलों में जिला रथ प्रभारियों (विशेष अधिकारियों) के रूप में तैनाती के लिए विभिन्न सेवाओं से संबंधित संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों का नाम मांगा गया है.
क्या करेंगे अधिकारी
भारत सरकार द्वारा पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों के प्रदर्शन/उत्सव के बारे में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव का पत्र संख्या 15-9/2023-एनएमएनएफ दिनांक 14 अक्टूबर 2023 (तत्काल संदर्भ के लिए प्रतिलिपि संलग्न). “विकसित भारत संकल्प यात्रा” के माध्यम से 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना के प्रसार, जागरूकता और सेवाओं के विस्तार के लिए पूरे देश में आयोजित करने का प्रस्ताव है.
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केन्द्र के फरमान में यह कहा गया है कि रथ यात्रा की तैयारियों, योजना, कार्यान्वयन, निगरानी के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए भारत सरकार के संयुक्त सचिवों/निदेशकों/उप सचिवों को जिला रथप्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में, यह अनुरोध किया जाता है कि देश भर में प्रतिनियुक्त विभिन्न सेवाओं से अपेक्षित संख्या में अधिकारियों को संबंधित कैडर द्वारा नामित किया जा सकता है.
विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बाबत प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नौकरशाही का राजनीतिकरण का आरोप लगाया है औऱ इस आदेश को वापस लेने की गुजारिश की है. उन्होंने इस बात का आरोप लगाया है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह सबकुछ किया जा रहा है. मल्लिकार्जुन ख़ड़गे के अनुसार यदि ऐसा होता है तो देश का शासन अगले छह महीनों के लिए ठप्प हो जाएगा.
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बीजेपी अध्यक्ष का जबाब
मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करके लिखा कि सार्वजनिक सेवा का पसार उसके (कांग्रेस) लिए एक अनूठी अवधारणा हो सकता है क्योंकि उसकी एकमात्र रूचि गरीबों को गरीबी में रखना है. उन्होंने लिखा है कि मुझे हैरानी होती है कि कांग्रेस पार्टी को लोकसेवकों के योजनाओँ का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर तक पहुंचने से परेशानी है. उन्होंने पूछा कि अगर यह शासन का मूल सिद्धांत नहीं तो और क्या है.