शेयर बाजार के निवेशकों को जल्द मिलेगा कमाने का मौका, मीशो लेकर आएगी IPO
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho ने आखिरी बार फंड करीब 15 महीने पहले सितंबर 2021 में जुटाया था. उस समय फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स एंड बी कैपिटल ग्रुप की अगुवाई में कंपनी ने 570 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई थी.
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho ने आखिरी बार फंड करीब 15 महीने पहले सितंबर 2021 में जुटाया था. उस समय फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स एंड बी कैपिटल ग्रुप की अगुवाई में कंपनी ने 570 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई थी. इससे छह महीनों पहले, कंपनी ने सॉफ्टबैंक विजन फंड की अगुवाई में 300 मिलियन सीरीज ई राउंड में जुटाए थे.
कंपनी ने कहा- फंडिंग की जरूरत नहीं
जहां इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि बेंगलुरू में आधारित मीशो फंडिंग जुटाने का अगला राउंड आयोजित नहीं कर सकता है. वहीं, कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ विदित आत्रे का अलग कहना है. उनका दावा है कि मीशो को अब फंडिंग जुटाने की जरूरत नहीं है.
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आत्रे ने कहा कि वे खुश हैं कि उन्होंने 2021 में अच्छा पैसा जुटाया था, जितनी जरूरत थी, उससे कहीं ज्यादा. उन्होंने आगे कहा कि आज की तारीख में, हमारी पैसा जुटाने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि हमारे पास बैंक में जरूरत से ज्यादा है. और बहुत से सालों के लिए अच्छे तरीके से कारोबार को जारी कर सकते हैं.
आत्रे ने कहा कि मीशो की अगला फंड जुटाने का काम सार्वजनिक बाजारों के जरिए होने की संभावना है. उन्होंने आगे कहा कि इस बात की अच्छी उम्मीद है कि फाइनेंसिंग का अगला राउंड आईपीओ होगा. लेकिन 2023 में योजना है कि जितनी जल्दी हो मुनाफे में जाया जा सके. और एक बार वह हो जाता है, तो बाहरी कैपिटल की जरूरत बहुत कम हो जाती है.
कंपनी की ग्रोथ रही शानदार
मीशो भारत के सबसे ज्यादा फंड वाले स्टार्टअप्स में से एक है. कंपनी ने घरेलू और वैश्विक निवेशकों से वेंचर कैपिटल में एक अरब डॉलर से ज्यादा की राशि जुटाई है. अगस्त 2019 और सितंबर 2021 के बीच, कंपनी का वैल्यूएशन 700 मिलियन डॉलर से बढ़कर 4.9 अरब डॉलर पर पहुंच गई है. जहां उसकी तेज ग्रोथ के शुरुआती चरण में वीसी डॉलर ने योगदान दिया. वहीं, कंपनी का फोकस मुनाफे की ओर नहीं गया है. विदित का कहना है कि एक बार मुनाफे पर पहुंचने पर, वे आईपीओ के लिए तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि फिर बाजार को भी तैयार होने की जरूरत है.
इस बीच मीशो के दो मुख्य निवेशकों सॉफ्टबैंक और Prosus वेंचर्स को पूरा विश्वास है कि ई-कॉमर्स कंपनी सालों में नहीं, बल्कि महीनों में मुनाफा कमाने लग जाएगी.