पाकिस्तान में ‘हाय-हाय महंगाई’, अब रेपो रेट हुआ 27 साल का High!

पाकिस्तान में ‘हाय-हाय महंगाई’, अब रेपो रेट हुआ 27 साल का High!

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक तरफ कंगाली चरम पर है, तो दूसरी तरफ महंगाई अपना भयानक रूप दिखा रही है. महंगाई कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank of Pakistan ने रेपो रेट में जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी है, जो 27 साल का हाई लेवल है.

पाकिस्तान के हालात रोजाना बद से बदतर हो रहे हैं. पाकिस्तान में कंगाली के हालात की कहानी ऐसी है कि सरकार बिजली बचाने के लिए दिन की रोशनी में काम कर रही है. सरकारी आयोजनों से लेकर दफ्तरों में काम करने तक के नियम कड़े कर दिए गए हैं. वहीं आम जनता को महंगे आटा, दाल, चावल से लेकर भारी बिजली कटौती तक का सामना करना पड़ रहा है. अब महंगाई कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तान ने रेपो रेट में भी बढ़ोतरी की है, जो 27 साल में सबसे अधिक है.

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ (State Bank of Pakistan) ने रेपो रेट में 300 बेसिस प्वॉइंट यानी 3 प्रतिशत की वृद्धि की है. अब ये 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पूरे एशिया में सबसे अधिक है.

IMF के दबाव में लिया फैसला

पाकिस्तान ने रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दबाव में किया है. नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ की रेपो रेट बढ़ाने की मांग को भी मान लिया है. पाकिस्तान लगातार आईएमएफ से कर्ज जुटाने की कोशिश कर रहा है. उसे आईएमएफ से 6.5 अरब डॉलर के कर्ज में से पहली किस्त के रूप में 1.1 अरब डॉलर जल्द मिलने की उम्मीद है.

टूट गया पाकिस्तानी रुपया

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक को तय समय से पहले 2 मार्च को ही पूरा कर लिया. इसी के साथ रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान भी कर दिया. रेपो रेट बढ़ाने के इस फैसले का तत्काल असर पाकिस्तानी मुद्रा पर दिखा.

पाकिस्तानी रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 18.98 रुपए तक टूट गया. कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा 285 रुपए पर बंद हुई.

क्या कम होगी पाकिस्तान में महंगाई ?

पाकिस्तान ने ये फैसला महंगाई को कंट्रोल करने के लिए लिया है. एक्सपर्ट का मानना है कि इससे आम लोगों और बिजनेस के बीच खर्च करने का रूझान घटेगा. हालांकि इसका असर दिखने में अभी वक्त लगेगा. अधिकतर अर्थशास्त्रियों का ये भी कहना है कि ऊंची ब्याज दर से देश की आर्थिक वृद्धि पर बुरा असर पड़ेगा.