RG Kar मेडिकल कॉलेज का विवादों से पुराना नाता! अब वित्तीय अनियमितता की जांच करेगी SIT

RG Kar मेडिकल कॉलेज का विवादों से पुराना नाता! अब वित्तीय अनियमितता की जांच करेगी SIT

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ कथित रेप और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच एसआईटी का गठन कर सीएम ममता ने सख्ती का मैसेज देने की कोशिश की है.

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमिताओं की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. बताया जा रहा है कि साल 2021 में जब से पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने कार्यभार संभाला था, उसके बाद से कई तरह की अनियमिताओं की बात निकाल कर सामने आई थी. इस बात का जिक्र दबी जुबान से हॉस्पिटल के डॉक्टर और कुछ लोगों ने भी किया था.

वहीं अब ममता सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दे दिया है. एसआईटी आरजी कर हॉस्पिटल में जनवरी 2021 से आज तक की अवधि में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच करेगी.

आईजी करेंगे एसआईटी की अध्यक्षता

एसआईटी को जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक सरकारी विभागों और निजी एजेंसियों से किसी भी दस्तावेज तक पहुंचने की स्वतंत्रता होगी. बता दें कि एसआईटी का नेतृत्व स्वामी विवेकानन्द राज्य पुलिस अकादमी के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. प्रणव कुमार करेंगे. उनके साथ टीम में मुर्शिदाबाद रेंज डीआइजी वकार रज़ा, सीआईडी डीआईजी सोमा दास मित्रा और डीसी सेंट्रल कोलकाता पुलिस इंदिरा मुखर्जी शामिल हैं.

एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश

जानकारी के मुताबिक एसआईटी जरुरत पड़ने पर पुलिस निदेशालय से अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं की मांग करेगी. एसआईटी को एक महीने के भीतर अपनी पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर से कथित रेप और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले पर आज सुनवाई होगी.शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार यानी आज इस मामले पर सुनवाई करेगी. यह सुनवाई सुबह साढ़े 10 बजे हो सकती है.इस बीच, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्वत: संज्ञान मामले में उसे भी पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया.