किसान आज करेंगे दिल्ली कूच, शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा हुई सख्त; सड़क पर लगीं लोहे की कीलें

दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसान संगठन रविवार को फिर से दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं. किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त कर दी गई हैं. बैरिकेड्स लगाए गए हैं और सड़कों पर लोहे की कीलें लगा दी गई हैं, ताकि किसान दिल्ली की ओर कूच न कर पाएं.
पंजाब के 101 किसानों का एक जत्था रविवार को दोपहर शंभू बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली के लिए निकलेगा. शुक्रवार को किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना मार्च पुलिस के लाठीचार्ज के बाद स्थगित कर दिया था. शनिवार को भी अपनी मांगों के समर्थन में किसान शंभू बॉर्डर पर डटे रहे और आंदोलन जारी रखा. दूसरी ओर, किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं. मजबूती के साथ बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे प्रदर्शनकारी दिल्ली की ओर कूच न कर सकें. इसके साथ ही सड़कों पर लोहे की कीलें भी लगाई गई हैं.
इस बीच, हरियाणा सरकार की ओर से अंबाला जिले के 11 गांवों में बल्क एसएमएस सेवा के साथ-साथ मोबाइल इंटरनेट को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. यह निलंबन नौ दिसंबर तक लागू रहेगा.
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#WATCH | Ambala, Haryana: Security measures being enhanced at Delhi-Haryana Shambhu border where the farmers are protesting over various demands.
According to farmer leader Sarwan Singh Pandher, a ‘Jattha’ of 101 farmers will march towards Delhi on 8 December at 12 noon. pic.twitter.com/8iHsIy2FQY
— ANI (@ANI) December 7, 2024
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे लोग बातचीत का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक बातचीत का न तो कोई संदेश मिला है और न ही कोई न्यौता ही मिला है.
किसान रविवार को करेंगे दिल्ली कूच
उन्होंने पुष्टि की कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 8 दिसंबर को शांतिपूर्ण तरीके से 101 किसानों के साथ मार्च फिर से शुरू करने का फैसला किया है.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के साथ बैठक करते हुए.
शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू किया था, लेकिन हरियाणा के अंबाला जिले में शंभू सीमा पर सुरक्षा बलों की ओर से आंसू गैस और प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जहां बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई थी. धारा 163 के तहत, पांच या अधिक लोगों का गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना प्रतिबंधित था.
शुक्रवार को किसानों ने मार्च कर दिया था स्थगित
पंढेर ने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसानों के घायल होने और उनमें से एक के सुनने की क्षमता चली जाने के बाद मार्च को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था.

किसानों का प्रदर्शन
मार्च में शामिल किसानों के अलावा एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. किसानों ने दावा किया कि दल्लेवाल का आठ किलोग्राम वजन कम हो गया है.
दिल्ली कूच का किसानों का चौथा प्रयास
8 दिसंबर को फिर से किसान दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. यह किसानों का दिल्ली कूच का चौथा प्रयास होगा. इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को किसानों ने ट्रॉलियों और ट्रैक्टर के साथ दिल्ली चलो मार्च निकालने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हुए थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी. उसके बाद किसानों ने मार्च को रोक दिया गया था.

किसान आंदोलन
जानें क्या हैं किसानों की मांगें
किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, 2020-21 में पिछले विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही किसान संगठन 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय” की भी गुहार लगा रहे हैं.
किसान संगठनों की मांग है कि किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन लागू किए जाएं और बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग किसान संगठनों की ओर से की जा रही है. भूमि अधिग्रहण नियम को लेकर भी किसान संगठनों ने आपत्ति जताई है.