विरासत से सियासत तक…सुप्रिया सुले ने अजित पवार और BJP पर साधा निशाना
सुप्रिया सुले ने कहा कि हम मजबूत हैं. इस दुनिया में कोई भी अजेय नहीं है. सभी गठबंधनों की अपनी चुनौतियां हैं. मेरी विश्वसनीयता दांव पर है, मैं बिना सोचे-समझे संख्याओं को आगे बढ़ाना पसंद नहीं करती. लेकिन हम अच्छा करेंगे क्योंकि लोग हमारे साथ हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार की बेटी और चार बार की सांसद सुप्रिया सुले को इस बार अपने लोकसभा क्षेत्र बारामती में अपने करियर की सबसे कठिन राजनीतिक लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. अपने चचेरे भाई अजित पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कमान संभालने के साथ, यह शरद पवार की बेटी के लिए सियासी भविष्य ‘बनाने या बिगाड़ने’ वाला चुनाव है.
इस चुनाव में अगर सुप्रिया सुले जीत गईं तो शरद पवार की राजनीतिक विरासत की असली वारिस बन जाएंगी. लेकिन अगर हार गईं तो महाराष्ट्र की राजनीति में अप्रासंगिक हो जाएंगी. बारामती स्थित अपने घर पर न्यूज9 प्लस के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सुप्रिया सुले ने अपनी ताकत और अजित पवार के खेमे से उन पर हो रहे निजी हमलों के बारे में बात की.
मतदाताओं पर पूरा भरोसा
अजित पवार का बयान कि उन्होंने किसी को अपने लिए काम करने को मजबूर नहीं किया पर सुले ने कहा कि तो फिर उनके ही कार्यकर्ता ऐसा क्यों कहते हैं? उनकी सारी फैक्ट्रियां हैं, मशीनरी वहां है. आप शायद केवल मेरे निर्वाचन क्षेत्र के बारे में बात कर रहे हैं. मुझे अपने मतदाताओं पर पूरा भरोसा है. मेरी सबसे बड़ी ताकत मेरा प्रदर्शन, मेरा संपर्क और विकास है. सबसे बड़ी बात मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है. ये चार सबसे बड़ी चीजें हैं जो मेरे पक्ष में काम कर रही हैं.
ये भी पढ़ें
हमारी राजनीति मर्यादित
प्रतिद्वंद्वी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई व्यक्तिगत रूप से बीजेपी से नहीं है, बल्कि उसकी नीतियों से है. मेरे पास बीजेपी में किसी से भी अधिक मित्र हैं, लेकिन यह मेरे लिए है. राजनीति व्यक्तिगत रिश्तों से अलग है. वहीं सुनेत्रा पवार पर व्यक्तिगत हमले के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने अब तक ऐसा कभी नहीं किया है. हम अपनी तरफ से एक असाधारण गरिमामय अभियान पर काम कर रहे हैं. पहले उन्होंने एक भी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की और न ही हमने की थी. हमारा बहुत गरिमापूर्ण अभियान था, जो इस बार दूसरी तरफ से नहीं हुआ. हम सदैव मर्यादित रहेंगे क्योंकि हमारी राजनीति मर्यादित और सत्य की है.
बीजेपी के खिलाफ अंडरकरंट
सुप्रिया सुले ने अजीत पवार पर हमला करते हुए कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को देखिए, जिसके खिलाफ वे आए थे, वह सबसे बड़ा मुद्दा था. देखिए वे आज कहां खड़े हैं. भारी प्रतिक्रिया हो रही है. एक अंतर्धारा है, जिसे आप नहीं देख रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है. चुनावी बांड एक अन्य विषय है. हमने पानी की कमी, प्याज की कमी की भविष्यवाणी की थी. मैंने 2023 में इन सबके बारे में बात की थी. आज इस देश में कोई भी चिंताजनक मुद्दा नहीं है, जिसके बारे में मैंने भविष्यवाणी नहीं की हो या प्रशासन को पहले से चेतावनी न दी हो.
महिला आरक्षण बिल पर सवाल
महिलाओं पर ज्यादा फोकस के सवाल पर सुप्रिया सुले ने कहा कि यह सिर्फ उनके बारे में नहीं है. उन्होंने कहा कि वे समानता की तलाश में हैं. उन्होंने महिला आरक्षण बिल को लेकर हमेशा की तरह ऐसी अंधराष्ट्रवादिता की. हमने विशेष रूप से महिला आरक्षण बिल के लिए चार दिवसीय सत्र रखा था. उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर किए, उन्होंने उस पर एक नाम लिखा, लेकिन उसे बैंक में रखना भूल गए. हमें इससे क्या मिला, कुछ नहीं. मैं इस देश की 50 प्रतिशत महिला प्रतिनिधियों की मांग कर रही हूं.
दुनिया में कोई भी अजेय नहीं
कांग्रेस से मदद मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम सभी मजबूत हैं. इस दुनिया में कोई भी अजेय नहीं है. सभी गठबंधनों की अपनी चुनौतियां हैं. लेकिन दो महीने पहले भी हम जहां थे, मुझे आज भारत में वह नजर नहीं आता. मुझे लगता है कि विपक्ष एक इकाई के रूप में काफी बेहतर प्रदर्शन करेगा.
चुनाव कार्यक्रम पर बात करते हुए सुले ने कहा कि मेरा विश्लेषण यह है कि या तो यह पूरी तरह से उनके पक्ष में जा रहा है या उनके खिलाफ. तमिलनाडु को देखिए. वे जानते हैं कि यह उनके पक्ष में नहीं जा रहा है, इसलिए पूरा राज्य एक ही दिन में निपटा दिया जाता है. जिन राज्यों में उनके सामने चुनौतियां हैं, वहां चरणबद्ध तरीके से चुनाव हो रहे हैं.
ताकत और धन का उपयोग
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुप्रिया सुले ने कहा कि अनिल देशमुख, संजय राउत, नवाब मलिक, संजय सिंह और फिर अरविंद केजरीवाल, यह बहुत स्पष्ट है और दुखद भी क्योंकि यह वह भारत नहीं है जिसमें मैं बड़ा हुई हूं. आज लोग फोन पर बात करने से डरते हैं. लोग सरकार के खिलाफ बात करने से डरते हैं. यह बहुत ही प्रतिकूल वातावरण है जो मैंने पहले कभी नहीं देखा. लोग सशंकित और चिंतित हैं क्योंकि इस बार बहुत अधिक ताकत और धन का उपयोग हो रहा है.
मेरी विश्वसनीयता दांव पर
विपक्ष कितनी सीटें जीतेगी पर उन्होंने कहा कि मैं कोई संख्या नहीं बता सकती क्योंकि मैं ‘400 पार’ टाइप की इंसान नहीं हूं. मुझे यह पसंद नहीं है क्योंकि मेरी विश्वसनीयता दांव पर है. मैं बिना सोचे-समझे संख्याओं को आगे बढ़ाना पसंद नहीं करती. लेकिन हम अच्छा करेंगे क्योंकि लोग हमारे साथ हैं. सरकार ने गड़बड़ कर दी है. आपको सच बोलने वाले सांसद चाहिए.