ARTO ने पकड़ा अनोखा ट्रैक्टर-ट्रॉली, पहियों में लगे थे ट्रेन के चक्के… कटा 10 लाख का चालान
औरैया जिले में एआरटीओ सुदेश तिवारी ने एक ट्रैक्टर ट्रॉली को सीज किया है जिसमें रेलवे ट्रेन के पहिए लगे थे. यह ट्रैक्टर पिछले पांच सालों से गिट्टी बिछाने का काम कर रहा था. ट्रैक्टर पर 10 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एआरटीओ सुदेश तिवारी ने एक ट्रैक्टर पर कार्रवाई की है. जिस ट्रैक्टर को पकड़ा गया वह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऊपर से देखने में तो ट्रैक्टर सामान्य दिख रहा है लेकिन जैसे ही ट्रैक्टर में लगी ट्रॉली के पहियों के पीछे देखा जाता है तो वहां रेलवे ट्रेन के पहिए फिट किए गए थे. एआरटीओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाते समय इस विशेष प्रकार के दिखने वाले ट्रैक्टर को पकड़ लिया. जिसको सीज करते हुए 10 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
पकड़ा गया ट्रैक्टर राजस्थान का बताया जा रहा है जो कि पिछले 5 सालों से यूपी में रेलवे ट्रैक पर गिट्टी बिछाने का काम कर रहा था. वहीं ट्रैक्टर की ट्रॉली को विशेष तौर पर डिजाइन किया किया गया है. जिसमें सामान पहियों के अलावा पहियों के बीचोबीच रेलवे ट्रेन के पहिए लगाए गए हैं. संभल है कि ऐसा इसलिए किया गया हो ताकि रेलवे ट्रैक पर ट्रैक्टर ट्रॉली आसानी से चल सकते हैं.
एआरटीओ सुदेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 22 जनवरी को करीब 3:30 बजे वह एक शासकीय कार्य से एनएच 19 पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरफ जा रहे थे. जब वह औरैया से गुजर रहे थे तो उन्होंने एक ट्रैक्टर ट्रॉली देखा. ट्रैक्टर में लगी ट्रॉली का बड़ा साइज देखकर उन्हें शक हुआ, उन्होंने ट्रैक्टर रुकवाया. जांच में पता चला कि ट्रैक्टर राजस्थान नंबर का है और ट्राली अनरजिस्टर्ड है. ट्रैक्टर आरटीओ नागौर में रजिस्टर्ड है.
ट्रॉली में लगे ट्रेन के पहिए
एआरटीओ सुदेश तिवारी ने बताया कि जांच के दौरान ही जब उनकी नजर ट्रॉली के पहियों पर पड़ी तो देखा कि ट्रॉली में दो पहिया बड़े टायर लगे थे. उसके साथ-साथ इसमें दो ट्रेन के पहिए भी लगे थे. यह खासतौर पर ट्रॉली बनाई गई थी जो कि रेल की पटरियों पर चलती थी. इस ट्रैक्टर ट्रॉली को पहले रेल की पटरियों पर गिट्टी बिछाने के काम में लगाया गया था. ड्राइवर कोई कागज नहीं दिखा पाया और उसने यह बताया कि 85 हजार रुपए महीने पर रेलवे ठेकेदार ने अपने यूज के लिए ट्रैक्टर लिया है.
10 लाख का चालान
पिछले 5 सालों से यह ट्रैक्टर काम में लगा हुआ है इसको हमने सीज किया है. ट्रॉली की वहन क्षमता करीब 33 टन है जो कि 12 चक्का के बराबर होता है. इसी के आधार पर हमने इसका एसेसमेंट किया. आश्चर्य की बात तो यह है राजस्थान में यह ट्रैक्टर एग्रीकल्चर परपस के लिए रजिस्टर्ड है जो कि टैक्स फ्री होता है. पिछले 5 साल से उत्तर प्रदेश में व्यवसाय कर रहा है. कई जनपदों से होकर यहां आया है. इस तरह के ट्रैक्टर ट्रॉली से दुर्घटना होने की संभावना है. ट्रॉली को गवर्नमेंट द्वारा अप्रूव्ड एजेंसी या मैन्युफैक्चरर ने नहीं बल्कि देसी उद्योग से बनवा लिया गया है. ऐसे वाहन रोड सेफ्टी के लिए बहुत ही खतरनाक हैं. इसलिए ट्रैक्टर ट्रॉली को सीज किया गया है और इस पर कुल चालान 10 लाख 6 हजार रुपए का लगाया गया है.