जगी आस.. अब लौटेगा बिहार का गौरव, नालंदा के बाद अब विक्रमशिला विश्वविद्यालय को जीर्णोद्धार करने की मांग
नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा के बीच अब विक्रमशिला विश्वविद्यालय के विकास की मांग तेज हो गई है. इसके विकास के लिए बिहार सरकार के मंत्री ने आश्वसन दिया है और कहा है कि जब नालंदा की तरफ सरकार का ध्यान गया है तो विक्रमशिला को भी इसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा.
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है, ज्ञान और अध्यात्म के लिए बिहार की धरती काफी समृद्ध रही है, एक समय जब भारत दुनिया का जगतगुरु था,तब बिहार की धरती पर नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे शिक्षा के केंद्र पूरी दुनिया को ज्ञान देते थे. इस प्राचीन विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए दुनिया के कोने-कोने से छात्र पहुंचते थे. यह दोनों विश्वविद्यालय पाल राजवंश के राज्यकाल में शिक्षा के लिए विश्व प्रसिद्ध था, लेकिन बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर विशाल पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया था.
अब करीब 800 सालों बाद नालंदा विश्वविद्यालय फिर से जीवंत हो उठा, 17 देशों के सहयोग से भारत सरकार ने राजगीर के पास नालंदा विश्वविद्यालय का नया कैंपस बनाया, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इसके साथ ही अब भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला विश्वविद्यालय को भी जीर्णोद्धार करने की मांग तेज हो गयी है. पक्ष हो या विपक्ष सभी के नेता अब सरकार का ध्यान विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की और केंद्रित कर रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने क्या कहा?
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री भाजपा नेता अश्वनी चौबे ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नालंदा की तर्ज पर विश्व स्तरीय बनाने की जरूरत पर फिर से जोर दिया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से विश्वविद्यालय को जीर्णोद्धार करने की जरूरत है. मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर यहां आकर इसे देखने के लिए आग्रह किया है.
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वहीं इसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जब नालंदा विश्वविद्यालय की ओर सरकार का ध्यान गया है तो विक्रमशिला विश्वविद्यालय की ओर भी ध्यान है. उस दिशा में भी काम चल रहा है और सोचा जा रहा है, नालंदा विश्वविद्यालय का भी काम तभी पूरा होगा जब विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी हमारा आगे बढ़ेगा.
भागलपुर से जदयू सांसद अजय मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे प्राचीन विक्रमशिला महावीर आने का आग्रह किया है वहीं यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की स्थिति से भी उन्हें अवगत कराया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए 500 करोड़ का बजट में भी प्रावधान किया गया है, इसकी स्थापना के लिए अब ठोस पहल की जरूरत है.