अनुमति के बाद ही पाकिस्तान की महिला से की शादी… CRPF से बर्खास्त जवान की सफाई, कहा- अदालत से मिलेगा इंसाफ

सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद खान को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन पर पाकिस्तानी महिला से शादी छिपाने के लिए यह एक्शन लिया गया है. इसी बीच मुनीर अहमद ने खुलासा किया है कि मुख्यालय से उन्होंने शादी के लिए अनुमति ली थी और इस के बाद ही उन्होंने पाकिस्तान की महिला से शादी की.
पाकिस्तान की तरफ से पहलगाम अटैक के बाद भारत ने देश से पाकिस्तानियों को बाहर जाने का आदेश दिया. इसी बीच एक सीआरपीएफ जवान सुर्खियों में आ गए. जवान ने पाकिस्तानी महिला से मोहब्बत की और शादी कर ली. इसी के बाद अब उन्हें अपनी इस लव स्टोरी के चलते नौकरी से हाथ धोने पड़े हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने शनिवार को पाकिस्तानी महिला से शादी की बात छिपाने वाले जवान को सेवा से बरखास्त कर दिया है.
नौकरी से बरखास्त होने के बाद सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद ने बड़ा खुलासा किया है. मुनीर सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में कार्यरत थे. नौकरी से बरखास्त किए जाने के कुछ घंटों बाद मुनीर अहमद ने शनिवार को कहा कि पिछले साल बल के मुख्यालय से अनुमति मिलने के लगभग एक महीने बाद उन्होंने शादी की थी. जहां लगातार यह कहा जा रहा है कि उन्होंने पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी को छिपाया. वहीं, अब उन्होंने बताया है कि उन्होंने मुख्यालय से शादी करने की इजाजत मांगी थी और अनुमति मिलने के 1 महीने बाद उन्होंने शादी की थी.
अदालत का खटखटाएंगे दरवाजा
जम्मू के घरोटा इलाके के निवासी मुनीर अहमद, अप्रैल 2017 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. उन्होंने नौकरी से बरखास्त किए जाने को लेकर कहा कि वो अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि मुझे अदालत से इंसाफ मिलेगा.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने मुनीर अहमद को पाकिस्तानी महिला मीनल खान के साथ अपनी शादी को “छिपाने” और साथ ही पत्नी मीनल खान की वीजा की वैधता खत्म हो जाने के बाद भी उन्हें जानबूझकर देश में रखने के लिए बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि मुनीर के यह काम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक थे.
CRPF जवान ने किया बड़ा खुलासा
इन सब चीजों को लेकर मुनीर अहमद ने अपने घर से फोन पर पीटीआई को बताया, मुझे शुरुआत में मीडिया रिपोर्टों के जरिए से अपनी बर्खास्तगी के बारे में पता चला. इसी के बाद मुझे जल्द ही सीआरपीएफ से एक पत्र मिला जिसमें मुझे बर्खास्तगी के बारे में बताया गया, जो मेरे और मेरे परिवार के लिए सदमे की तरह था क्योंकि मैंने मुख्यालय से पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी की अनुमति मांगी थी और इजाजत हासिल भी कर ली थी.
मीनल खान के साथ मुनीर अहमद की शादी तब सामने आई जब भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर सभी पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया. साथ ही पाकिस्तानियों को भारत छोड़ कर जाने का आदेश दिया.
मीनल खान को नहीं किया गया डिपोर्ट
मीनल खान 28 फरवरी को वाघा-अटारी बॉर्डर से भारत में दाखिल हुआ थी. वो टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. उनका वीजा 22 मार्च को समाप्त हो गया था, लेकिन वीजा समाप्त होने के बाद भी वो भारत में रह रही थी. 29 अप्रैल को जब पाकिस्तानियों को देश से बाहर जाने के लिए कहा गया तो उस दिन मीनल खान को भी ले जाया गया था, लेकिन वो बच गई. मीनल खान के डिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है और वो फिलहाल भारत में ही पति मुनीर अहमद के जम्मू के आवास में रह रही हैं.
मुख्यालय ने दी थी शादी की इजाजत
मुनीर अहमद ने कहा कि मीनल खान से शादी करने की इच्छा के बारे में उन्होंने 31 दिसंबर, 2022 बताया था. उन्होंने कहा इसी के बाद मुझे पासपोर्ट, विवाह कार्ड और शपथ पत्र की प्रतियां संलग्न करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा, “मैंने अपना हलफनामा और अपने माता-पिता, सरपंच और जिला विकास परिषद सदस्य के हलफनामे उचित माध्यम से जमा किए और आखिरकार 30 अप्रैल, 2024 को मुख्यालय से शादी के लिए हरी झंडी मिल गई.
सीआरपीएफ जवान ने कहा कि उन्होंने एनओसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है और उन्होंने नियमों के अनुसार एक विदेशी नागरिक से अपनी शादी के बारे में सरकार को सूचित करके औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली हैं. मुनीर ने कहा, हम ने पिछले साल 24 मई को वीडियो कॉल के जरिए शादी की थी. उन्होंने आगे कहा, शादी करने के बाद मैंने अपनी 72 बटालियन में जहां मैं तैनात थी, शादी की तस्वीरें, ‘निकाह’ के कागजात और शादी का प्रमाण पत्र जमा कर दिया.
मुनीर ने कहा, जब पत्नी मीनल पहली बार 28 फरवरी को 15 दिन के वीजा पर आई, तो हमने मार्च में ही लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया और इंटरव्यू सहित जरूरी औपचारिकताएं पूरी कीं.
शादी के बाद किया गया ट्रांसफर
मुनीर अहमद ने कहा कि वो अपनी छुट्टी का पीरियड पूरा होने के बाद अपने काम पर लौट आए और उन्हें 25 मार्च को सुंदरबनी में बटालियन मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. उन्होंने आगे कहा, लेकिन 27 मार्च को, मुझे एक ट्रांसफर ऑर्डर सौंप दिया गया और 15 दिनों की अनिवार्य ज्वाइनिंग पीरियड दिए बिना भोपाल (मध्य प्रदेश) में 41 वीं बटालियन में तैनात कर दिया गया.
उन्होंने कहा, मुझे ऑर्डर की कॉपी दे दी गई और तुरंत रिलीव कर दिया गया, जिससे मेरे पास भोपाल में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा, जहां मैंने 29 मार्च को ज्वाइन किया. वहां पहुंचने पर मुझे कमांडिंग ऑफिसर और उनके डिप्टी के इंटरव्यू का सामना करना पड़ा और दस्तावेजीकरण प्रक्रिया भी पूरी की, जिसमें साफ तौर पर मैंने बताया था कि मैंने एक पाकिस्तानी महिला से शादी की है.
सीआरपीएफ जवान ने कहा कि वो अपनी बर्खास्तगी को चुनौती देने के लिए अगले कुछ दिनों में अदालत जाएंगे. उन्होंने कहा, मुझे अदालत से न्याय मिलने की उम्मीद है.