WhatsApp बना स्पैमिंग का ‘अड्डा’, 95% लोगों को रोज आते हैं ये मैसेज, हो जाएं अलर्ट

WhatsApp बना स्पैमिंग का ‘अड्डा’, 95% लोगों को रोज आते हैं ये मैसेज, हो जाएं अलर्ट

WhatsApp Spamming: पहले लोग कर्मशियल कॉल्स और मैसेज आने के चलते परेशान रहते थे लेकिन अब एक सर्वे से इस बात का पता चला है कि व्हाट्सऐप पर भी यूजर्स इसी तरह की परेशानी झेल रहे हैं.

WhatsApp Spamming: पहले तो लोग कॉल्स और नॉर्मल मैसेज के जरिए कर्मशियल प्रमोशन वालों से परेशान रहते थे लेकिन अब आलम ऐसा है कि इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप पर भी यूजर्स ठीक इसी तरह से परेशान होने लगे हैं. भारत में किए गए एक सर्वे में शामिल हुए व्हाट्सऐप यूजर्स के अनुसार, ज्यादातर परेशान करने वाले मैसेज वित्तीय यानी फाइनेंशियल सर्विस आदि बेचने वाले व्यक्ति से आते हैं.

सर्वे से इस बात का पता चला है कि यूजर्स को WhatsApp पर आने वाले ये मैसेज सर्विस, रियल एस्टेट, स्वास्थ्य देखभाल और पैथोलॉजी सेवाएं और नौकरी या कमाई के अवसर प्रदान करने वालों के होते हैं. सर्वे में शामिल हुए 76 फीसदी यूजर्स का कहना है कि वह अपने व्हाट्सऐप अकाउंट पर इस तरह के मैसेज देख रहे हैं जिनके साथ उनका संपर्क फेसबुक, इंस्टाग्राम और बिजनेस अकाउंट के जरिए हुआ था.

आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस सर्वे को Local Circles द्वारा किया गया है, लोकल सर्कल्स 2021 से ही यूजर्स को व्हाट्सऐप पर मिलने वाले अनचाहे विज्ञापनों पर नजर बनाए हुए है.

सर्वे से इस बात का भी पता चला है कि 2022 से इस तरह के विज्ञापन वाले मैसेज के सर्कुलेशन में तेजी देखी गई है. याद दिला दें कि 2022 के अंत में लोकल सर्कल्स ने एक सर्वे के माध्यम से इस बात का पता लगाने का प्रयास किया है कि आखिर इन कर्मशियल मैसेज से कितने व्हाट्सऐप यूजर्स परेशान हो रहे हैं.

सरकार को दी गई सूचना

सर्वे के नतीजे काफी चौंकाने वाले थे क्योंकि 95 फीसदी यूजर्स ऐसे थे जिन्हें व्हाट्सऐप पर विज्ञापन वाले मैसेज आते हैं. सर्वे के नतीजे सामने आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यानी MeitY और ट्राई दोनों को ही इस बात की जानकारी दे दी गई है.

कहां से कितने लोग हुए सर्वे में शामिल

बता दें कि यूजर्स की शिकायतें जारी है लेकिन अब तक इस मामले में कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है. बता दें कि इस सर्वे में 44 फीसदी यूजर्स टियर 1, 35 फीसदी यूजर्स टियर 2 और टियर 3 शहरों और 4 जिलों से 21 फीसदी यूजर्स शामिल हुए थे.