वक्फ विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेगी AAP, बोले CM मान- हम मुसलमानों के साथ

वक्फ विधेयक पर 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की 655 पन्नों की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी. संसद की संयुक्त समिति ने 15-11 के बहुमत से सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों द्वारा सुझाए गए बदलावों वाली रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था.
पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले वक्फ विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेगी. भगवंत मान ने ईद के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कहा कि मुस्लिम भाई इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं और इस घड़ी में आप उनके साथ खड़ी है.
उन्होंने कहा कि मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए आप संसद और पंजाब विधानसभा दोनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करेगी.
हर तबके की भलाई के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार समाज के हर तबके की भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. वक्फ विधेयक पर 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति की 655 पन्नों की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी. संसद की संयुक्त समिति ने 15-11 के बहुमत से सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों द्वारा सुझाए गए बदलावों वाली रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था. इस कदम के बाद विपक्ष ने इस कवायद को वक्फ बोर्ड को नष्ट करने का प्रयास करार दिया.
बता दें कि विपक्षी दल इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे असंवैधानिक तथा मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहे हैं. कई प्रमुख मुस्लिम संगठन इस विधेयक के खिलाफ समर्थन जुटा रहे हैं. इस विधेयक की संसद की संयुक्त समिति ने पड़ताल की थी तथा कई संशोधनों के साथ इसे मंजूरी दी थी.
सरकार वक्फ विधेयक पेश करने को तैयार
अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि सरकार संशोधित वक्फ विधेयक को संसद में पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों पर समाज में अशांति फैलाने तथा इसके प्रावधानों को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. वीकेंड और ईद की छुट्टी के बाद आज संसद की बैठक फिर शुरू होगी.
निचले सदन में पेश किए जाने की संभावना
रीजीजू ने कहा कि विधेयक को पेश करने का समय संसद की बैठक के बाद विचार-विमर्श के पश्चात तय किया जाएगा, लेकिन वह चाहते हैं कि इसे यथाशीघ्र पारित किया जाए. संसद का चालू बजट सत्र चार अप्रैल को खत्म होना है और इस विधेयक को कानून बनाने के लिए लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में पारित कराना होगा. सरकार ने संकेत दिया है कि वह आज को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विधेयक पेश करने के समय पर चर्चा करेगी. इसे सबसे पहले, संभवतः बुधवार को निचले सदन में पेश किए जाने की संभावना है.