अडाणी-हिंडनबर्ग केस पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई, एक और PIL दायर

अडाणी-हिंडनबर्ग केस पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई, एक और PIL दायर

अडाणी समूह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक चार जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी है, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होने की उम्मीद है. सीजेआई ने चौथी जनहित याचिका को भी स्वीकार किया है.

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह की कपंनियों पर धोखाधड़ी और शेयर की कीमतों में फेरबदल करने के लगाए आरोपों की किसी समिति या उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जजों की देखरेख में बहु केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने के अनुरोध वाली एक और जनहित याचिका गुरुवार को कोर्ट में दायर की गई है. अडाणी समूह के खिलाफ जांच की मांग को लेकर यह चौथी याचिका है. तीन याचिकाओं पर कोर्ट में पहले से ही दायर है, जिसपर सुनवाई होना है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच अडाणी समूह के शेयरों की कीमत में कथित तौर पर कृत्रिम तरीके से गिरावट कर निवेशकों का शोषण करने के आरोप संबंधी तीन जनहित याचिकाओं को स्वीकार की थी और उन्हें शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिस्ट करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग द्वारा धोखाधड़ी के लगाए गए आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के उस सुझाव को स्वीकार किया, जिसमें बाजार नियामक व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने को कहा गया था.

लेनदेन का ऑडिट कराने की मांग

चौथी जनहित याचिका खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय के जरिये दाखिल कराई है. वकील भदौरिया भारतीय युवा कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के भी प्रमुख हैं. याचिका में अनुरोध किया गया है कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), कंपनी रजिस्ट्रार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से धन शोधन की पहलू, आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के पनाहगाह देशों में ऑफशोर लेनदेन और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से उचित ऑडिट (लेनदेन और फॉरेंसिक ऑडिट), जांच का निर्देश जाए.

कोर्ट में पहले से दायर है तीन जनहित याचिकाएं

जांच में केंद्र और एजेंसियों को सहयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अदालत से गुजारिश की गई है कि निगरानी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों या समिति की नियुक्ति जांच की जाए. गौरतलब है कि इससे पहले वकील एमएल शर्मा, विशाल तिवारी और कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने भी अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

(भाषा इनपुट के साथ)