महाराष्ट्र में चाचा शरद की तरफ शिफ्ट हो रही भतीजे अजित की ‘पावर’, कहीं ये 4 कारण तो नहीं?

महाराष्ट्र में चाचा शरद की तरफ शिफ्ट हो रही भतीजे अजित की ‘पावर’, कहीं ये 4 कारण तो नहीं?

पुणे जिले का पिंपरी-चिंचवाड़ा एनसीपी का गढ़ माना जाता रहा है. एक साल पहले ये सभी नेता शरद पवार को छोड़कर अजित के साथ चले गए थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह है कि अजित के लोग शरद पवार की तरफ फिर से जा रहे हैं?

महाराष्ट्र में चुनावी बिसात बिछाने में जुटे शरद पवार ने बुधवार को भतीजे अजित को बड़ा झटका दे दिया. अजित गुट के 4 बड़े नेता पार्टी छोड़कर एनसीपी (एसपी) में शामिल हो गए हैं. जिन नेताओं ने अजित का दामन छोड़ा है, उनमें पिंपरी-चिंचवाड़ इकाई के प्रमुख अजित गवाहाने, एनसीपी पिंपरी-चिंवाड़ छात्र विंग के प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर का नाम शामिल हैं.

पुणे जिले का पिंपरी-चिंचवाड़ा एनसीपी का गढ़ माना जाता रहा है. एक साल पहले ये सभी नेता शरद पवार को छोड़कर अजित के साथ चले गए थे. लोकसभा चुनाव के बाद से ही अजित कैंप से टूट की खबर सामने आ रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह है कि अजित के लोग शरद पवार की तरफ फिर से जा रहे हैं?

अजित की पावर क्यों शरद पवार की तरफ हो रही शिफ्ट?

टिकट को लेकर असमंजस

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में 3 महीने से कम का वक्त बचा है, लेकिन अजित पवार गुट की तस्वीर अभी भी उलझी हुई है. अजित पवार 42 विधायकों के साथ फिलहाल एनडीए में हैं, लेकिन उनको लेकर कई तरह के सवाल हैं. मसलन, क्या वे एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ेंगे और लड़ेंगे तो कितनी सीटों पर? बीजेपी अजित पवार को कौन-कौन सी सीटें देना चाहेगी?

इन्हीं सवालों की वजह से दावेदारों में असमंजस का माहौल है. अजित गुट महाराष्ट्र में 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि, बीजेपी की तरफ से सीट बंटवारे को लेकर अब तक कुछ भी नहीं कहा गया है. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं.

बड़े पद परिवार और करीबी के पास

एनसीपी को जितने भी बड़े पद सरकार में मिले हैं, उसे अजित ने अपने करीबी या परिवार को ही दिया है. चुनाव हारने के बावजूद अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को राज्यसभा भेज दिया, जबकि छगन भुजबल जैसे दिग्गज नेता इस रेस में शामिल थे.

इसी तरह अजित के करीबी सुनील तटकरे का भी दबदबा है. लोकसभा सांसद सुनील एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी बेटी आदिति तटकरे अभी महाराष्ट्र सरकार में राज्य सरकार हैं.

महाराठवाड़ा आरक्षण भी एक वजह

महाराष्ट्र की राजनीति इस वक्त मराठवाड़ा आरक्षण की वजह से गर्म है. बीड, चिंचौली समेत पूरे मराठवाड़ा में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कहा जा रहा है कि बीजेपी इसको लेकर गंभीर है.

यही वजह है कि एकनाथ शिंदे की सरकार लगातार वार्ता कर रही है. कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले सरकार फिर से मराठाओं को आरक्षण दे सकती है. सरकार की इस तरह की गतिविधि ने एनसीपी के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है. एनसीपी का कोर वोटबैंक ओबीसी ही रहा है. छगन भुजबल ओबीसी जाति के बड़े नेता माने जाते हैं.

यही वजह है कि एनसीपी के ओबीसी और अन्य समुदाय के नेता अब रास्ता तलाश रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में अजित की करारी हार

हालिया लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी की करारी हार हुई है. एनसीपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है. दूसरी तरफ शरद पवार गुट ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है. अजित की हार ने बीजेपी के भीतर भी घमासान मचा दिया.

आरएसएस की पत्रिका ऑर्गेनाइजर ने भी अजित की हार को लेकर सवाल उठाया. ऑर्गेनाइजर का कहना था कि अजित को लेने की वजह से ही एनडीए को महाराष्ट्र में करारी हार का सामना करना पड़ा.